मोरपैन लैबोरेटरीज के मामले में सैट ने सेबी के आदेश को खारिज किया | SAT rejects SEBI order in Morapan Laboratories case

मोरपैन लैबोरेटरीज के मामले में सैट ने सेबी के आदेश को खारिज किया

मोरपैन लैबोरेटरीज के मामले में सैट ने सेबी के आदेश को खारिज किया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:59 PM IST, Published Date : April 26, 2021/4:51 pm IST

नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (भाषा) प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने मोरपैन लैबारेटरीज पर पूंजी बाजार में जाने से एक साल के लिये रोक लगाने के सेबी के आदेश को खारिज कर दिया।

पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सितंबर 2019 में मोरपैन लैबोरेटरीज पर 2003 में जारी किये ग्लोबल डिपाजिटरी रिसीट्स (जीडीआर) के मामले में भ्रामक जानकारी देने को लेकर एक साल के लिये पूंजी बाजार में उतरने से रोक लगा दी थी।

सेबी के इस आदेश के खिलाफ कंपनी ने सैट का रुख किया।

सैट ने मामले में सेबी के आदेश को खारिज करते हुये कहा कि कंपनी को कारणा बताओ नोटिस जारी करने में 14 साल से भी अधिक समय की देरी हुई है।

सेबी कानून में हालांकि किसी मामले में कारण बताओ नोटिस जारी करने अथवा न्याय प्रक्रिया पूरी करने को लेकर कोई समय सीमा नहीं रखी गई है फिर भी प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण ने कहा कि नियामक को अपनी शक्तियों को एक तार्किक समयसीमा के भीतर उपायोग कर लेना चाहिये।

सैट ने मामले में इस बात पर भी गौर किया कि जीडीआर इश्यू में कोष का दुरुपयोग नहीं हुआ है। इसके अलावा मोरपैन लैाबरेटरीज द्वारा जीडीआर जारी करने की प्रक्रिया में किये गये उल्लंघन के बारे में गई जांच के परिणाम की कोइ र् जानकारी नहीं दी गई।

इसके साथ ही न्यायाधिकरण ने यह भी कहा कि जीडीआर इश्यू के बारे में कंपनी ने कोई भी भ्रामक वक्तव्य नहीं दिया।

सेबी ने कहा था कि मोरपैन ने बानको के साथ मार्च 2003 में किये गये लेखा शुल्क समझौते को लेकर बंबई शेयर बाजार को सूचित नहीं किया। इसके साथ ही जीडीआर इश्यू को केवल दो कंपनियों — सालसेक और सेविरॉन ने ही खरीदा। इससे मोरपैन ने धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार व्यवहार रोधी नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन किया है।

भाषा

महाबीर मनोहर

मनोहर

 

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