श्रीलंका, आरबीआई के साथ विदेशी मुद्रा अदला-बदली व्यवस्था का फिर उपयोग करेगा | Sri Lanka to reuse foreign exchange swap regime with RBI

श्रीलंका, आरबीआई के साथ विदेशी मुद्रा अदला-बदली व्यवस्था का फिर उपयोग करेगा

श्रीलंका, आरबीआई के साथ विदेशी मुद्रा अदला-बदली व्यवस्था का फिर उपयोग करेगा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:29 PM IST, Published Date : June 11, 2021/1:53 pm IST

कोलंबो, 11 जून (भाषा) श्रीलंका ने शुक्रवार को कहा कि उसका केंद्रीय बैंक कोविड-19 महामारी से प्रभावित देश के विदेशी भंडार को बढ़ाने के उपायों के तहत भारतीय रिजर्व बैंक के साथ एक बार फिर 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर की विदेशी मुद्रा अदला-बदली व्यवस्था का उपयोग करेगा।

श्रीलंका के केंद्रीय बैंक के गवर्नर डब्ल्यू डी लक्ष्मण ने कहा कि श्रीलंका अगस्त 2021 में भारतीय रिजर्व बैंक के साथ 40 करोड़ डालर की विदेशी मुद्रा अदला-बदली व्यवस्था का उपयोग कर सकता है।

श्रीलंका ने मूल रूप से दक्षेस (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) देशों के लिये उपलब्ध अदला-बदली समझैते पर 2020 में हस्ताक्षर किये और इस वित्तीय व्यवस्था को आगे बढ़ाते हुए फरवरी 2021 में इसका निपटान कर दिया।

श्रीलंकाई सेंट्रल बैंक ने एक फरवरी 2021 को रिजर्व बैंक से मिली 40 करोड़ डॉलर अदला-बदली सुविधा का निपटान कर दिया।

गवर्नर लक्ष्मण ने कहा कि इसी प्रकार की वित्तीय व्यवस्था अगस्त के बाद फिर से प्राप्त की जा सकती है।

श्रीलंका-आरबीआई अदला-बदली व्यवस्था 2020 में दक्षेस देशों के लिए उपलब्ध सुविधाओं के तहत शुरू हुई थी। कुछ सप्ताह पहले, श्रीलंका ने बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक के साथ 20 करोड़ डॉलर की अदला-बदली को लेकर करार किया।

गवर्नर के अनुसार बांग्लादेश के लिये अदला-बदली की व्यवस्था के लिये समझौते पर हस्ताक्षर जल्द होने की उम्मीद है।

कोविड-19 महामारी के कारण श्रीलंका के विदेशी मुद्रा भंडार पर असर पड़ा। क्योंकि महामारी के कारण पर्यटन, विदेशी मनी आर्डर (विदेशों में रहने वाले श्रीलंकाई नागरिकों द्वारा धन प्रेषण) पर प्रतिकूल असर पड़ा।

अप्रैल 2021 की स्थिति के अनुसार श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार 4.4 अरब डॉलर था। इससे पहले श्रीलंका को जुलाई 2020 में सावरेन बांड का एक अरब डालर का भुगतान करना पड़ा।

दक्षेस मुद्रा अदला-बदली ढांचा 15 नवंबर, 2012 को परिचालन में आया। इसका मकसद लंबी अवधि के वित्त की व्यवस्था किए जाने तक अल्प अवधि के लिये विदेशी मुद्रा आवश्यकताओं या भुगतान संतुलन दबाव को दूर करने के लिये वित्त सुविधा उपलब्ध कराना है।

यह सुविधा दक्षेस के सभी देशों के लिये उपलब्ध है। लेकिन इस सुविधा का लाभ लेने के लिये द्विपक्षीय स्तर पर अदला-बदली समझौते पर हस्ताक्षर करना जरूरी है।

भाषा

रमण महाबीर

महाबीर

 

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