दुनिया में शेयर बाजारों, वास्तविक अर्थव्यवस्था के रुख में अंतर बढ़ रहा है, चिंताजनक है: सेबी प्रमुख | Stock markets in world, real economy trend gap growing, is alarming: SEBI chief

दुनिया में शेयर बाजारों, वास्तविक अर्थव्यवस्था के रुख में अंतर बढ़ रहा है, चिंताजनक है: सेबी प्रमुख

दुनिया में शेयर बाजारों, वास्तविक अर्थव्यवस्था के रुख में अंतर बढ़ रहा है, चिंताजनक है: सेबी प्रमुख

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:37 PM IST, Published Date : February 25, 2021/1:40 pm IST

मुंबई, 25 फरवरी (भाषा) पूंजी बाजार नियामक सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने बृहस्पतिवार को इस बात को माना कि वित्तीय बाजारों और वास्तविक अर्थव्यवस्था के बीच तालमेल नहीं होने से प्रणालीगत जोखिम को लेकर चिंता बढ़ी है। इस संबंध में उन्होंने रिजर्व बैंक और वित्तीय स्थिरता बोर्ड द्वारा उठाई गई चिंता को स्वीकार किया और कहा कि ऐसा पूरी दुनिया में हो रहा है।

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के फैलने के बाद बाजार में जिस तेजी से गिरावट आई और उसके बाद जिस तेजी से बाजार ऊपर उठा है ऐसी वी आकार की (अंग्रेजी के वी- शब्द के आकार जैसी) तेजी पिछले 30 सालों में शेयर बाजार में नहीं देखी गई। त्यागी एनआईएसएम के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

त्यागी ने कहा, ‘‘आम तौर पर शेयर बाजारों को अर्थव्यवस्था की स्थिति का मापक माना जाता है। शेयर बाजार उसी तरह व्यवहार करते हैं जैसे कि अर्थव्यवस्था चल रही होती है अथवा जिस दिशा में उसके जाने का अनुमान लगाया जाता है। लेकिन महामारी फैलने और उस पर काबू पाने के प्रयासों के बाद से शेयर बाजारों की चाल को देखकर रिजर्व बैंक और वित्तीय स्थिरता बोर्ड ने वास्तविक अर्थव्यवसथा और वित्तीय बाजारों के व्यवहार के बीच बढ़ते फासले को लेकर चिंता जताई है। उनका कहना है कि यह आर्थिक तंत्र के लिये जोखिम खड़ा कर सकता है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल भारत में ही नहीं हो रहा है बल्कि इस तरह का उतार – चढ़ाव दुनिया के कई बाजारों में देखा गया है। इस उतार- चढ़ाव को महामारी फैलने के बाद की स्थिति और महामारी को नियंत्रित कने के प्रयासों के बाद की स्थिति में देखा जा सकता है।’’

वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने समग्र वित्तीय स्थिरता को लेकर जोखिम की तरफ इशारा किया है और कर्जदाता संस्थानों को ऐसी स्थिति के प्रति सतर्क रहने को कहा है।

त्यागी ने कहा कि वित्त वर्ष 2020- 21 में एक जो बड़ा बदलाव देखा गया है वह बाजार में खुदरा कारोबारियों का सीधे कारोबार में उतरना है। यह डीमैट खातों में हुई वृद्धि और व्यक्तिगत स्तर पर बढ़े निवेश में भी देखा गया है। वहीं कंपनियों ने नया रास्ता निकाला है जहां सालाना आम बैठक और बोर्ड बैठकें आनलाइन होने लगीं हैं।

उन्होंने कहा कि जो भी नये तौर तरीके अपनाये जा रहे हैं इनमें से कई महामारी समाप्त होने के बाद भी जारी रहने की संभावना है लेकिन ऐसी बोर्ड बैठकों में गोपनीयता और सुरक्षा के मुद्दों को आने वाले समय में देखना होगा।

भाषा

महाबीर मनोहर

मनोहर

 

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