रोम: पोप फ्रांसिस ने गिरजाघर के नियमों में बदलाव किए हैं ताकि महिलाओं को विशेष तौर पर प्रार्थना के दौरान और कार्य करने की अनुमति होगी लेकिन कहा कि वे पादरी नहीं बन सकती हैं।
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फ्रांसिस ने कानून में संशोधन कर दुनिया के अधिकतर हिस्सों में चल रही प्रथा को औपचारिक रूप दिया कि महिलाएं इंजील (गोस्पेल) पढ़ सकती हैं और वेदी पर युकरिस्ट मंत्री के तौर पर सेवा दे सकती हैं। पहले इस तरह की भूमिकाएं आधिकारिक रूप से पुरुषों के लिए आरक्षित होती थीं, हालांकि इसके कुछ अपवाद भी थे।
फ्रांसिस ने कहा कि गिरजाघरों में महिलाओं के ‘‘अमूल्य योगदान’’ को मान्यता देने के तौर पर ये बदलाव किए गए हैं। साथ ही कहा कि सभी बैपटिस्ट कैथोलिकों को गिरजाघर के मिशन में भूमिका निभानी होगी।
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