ई-वे बिल में एड्रेस की मामूली भूल-चूक को टैक्स चोरी नहीं माना जा सकता : हाईकोर्ट, 22 लाख रु की पेनाल्टी को घटाकर किया 1 हजार | A slight omission of the address in the e-way bill cannot be considered as tax evasion: High Court Penalty of Rs 22 lakh reduced to 1 thousand

ई-वे बिल में एड्रेस की मामूली भूल-चूक को टैक्स चोरी नहीं माना जा सकता : हाईकोर्ट, 22 लाख रु की पेनाल्टी को घटाकर किया 1 हजार

ई-वे बिल में एड्रेस की मामूली भूल-चूक को टैक्स चोरी नहीं माना जा सकता : हाईकोर्ट, 22 लाख रु की पेनाल्टी को घटाकर किया 1 हजार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:35 PM IST, Published Date : March 4, 2021/10:39 am IST

जबलपुर। GST एक्ट की धारा 129 के तहत व्यापारियों पर लगाई जाने वाले जुर्माने पर जबलपुर हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि ई-वे बिल में एड्रेस की मामूली भूल-चूक को टैक्स चोरी नहीं माना जा सकता। इसी टिप्पणी के साथ जबलपुर हाईकोर्ट ने एक कंपनी पर लगी 22 लाख रुपयों की पेनाल्टी को घटाकर सिर्फ 1 हज़ार रुपए कर दिया है।

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हाईकोर्ट का ये फैसला इसीलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, इस फैसले का असर देशव्यापी होगा। दरअसल देशभर के व्यापारियों के मामूली गलतियों पर भी लाखों रुपयों का जुर्माना लगाया जाता है। इस फैसले के बाद व्यापारियों को बड़ी राहत मिलती नजर आ रही है।

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दरअसल कटनी की एक कंपनी ने टनल बोरिंग के पार्ट्स खराब होने पर अमेरिका में स्थित अपनी पैरेंट कंपनी से इसके पार्टस बुलवाए थे। मुंबई पोर्ट पर इसके लिए कस्टम क्लियरेंस हुआ और पूरा टैक्स चुकाया गया, लेकिन जब ट्रक से माल मुंबई से कटनी लाया जाना था तो ई-वे बिल जो जारी हुआ उसमें पार्ट्स पाने वाले का नाम-पता गलती से मुंबई का लिखा गया, हालांकि ई-वे बिल में माल पहुंचने की दूरी 1200 किलोमीटर ही थी, जो मुंबई से कटनी की दूरी है। इस गलती पर जीएसटी विभाग ने भ्रामक पता देने के कारण कंपनी पर 22 लाख रुपयों की टैक्स पैनाल्टी लगा दी थी, मामले पर ज्वाइंट कमिश्नर जीएसटी ने अपील भी खारिज कर दी थी, जिसके बाद हाईकोर्ट में ये याचिका दायर की गई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने एड्रैस की मामूली चूक को टैक्स चोरी नहीं मानकर 22 लाख की पैनाल्टी को घटाकर 1 हजार रुपए करने का फैसला सुनाया है।

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