एक समय गांधी परिवार के फेवरेट थे अजीत जोगी, सोनिया- स्वर्गीय राजीव गांधी से इस तरह हुई मुलाकात | Ajit Jogi was once a favorite of Gandhi family This is how met the Sonia - late Rajiv Gandhi

एक समय गांधी परिवार के फेवरेट थे अजीत जोगी, सोनिया- स्वर्गीय राजीव गांधी से इस तरह हुई मुलाकात

एक समय गांधी परिवार के फेवरेट थे अजीत जोगी, सोनिया- स्वर्गीय राजीव गांधी से इस तरह हुई मुलाकात

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:19 PM IST, Published Date : May 29, 2020/11:37 am IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी का निधन हो गया। दिल का दौरा पड़ने के बाद जोगी लंबे समय से कोमा में थे। उन्हें वेंटिलेटर से ऑक्सीजन दिया जा रहा था। वहीं आज फिर से कार्डियक अरेस्ट हुआ। इस दौरान डॉक्टरों की टीम जोगी की स्थिति कंट्रोल करने की कोशिश की। लेकिन अजीत जोगी की हालत में सुधार नहीं हुआ और दुनिया को अलविदा कह दिया।

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अजीत जोगी का जीवन कई उतार – चढ़ाव से गुजरा, अजीत जोगी ने अपने जीवन का पहला मुकाम तब पाया जब वो कलेक्टर बने। अजीत जोगी की जब रायपुर में नियुक्त थे, तो उन दिनों राजीव गांधी पायलट हुआ करते थे। एयर इंडिया का विमान राजीव गांधी उड़ाते थे। उस समय कलेक्टर अजीत जोगी ने सख्त निर्देश जारी किए थे, कि जब भी राजीव की फ्लाइट रायपुर आए उन्हें बताया जाए। जब राजीव की फ्लाइट रायपुर पहुंचती और अजीत जोगी घर से ब्रेकफास्ट लेकर उनसे मिलने पहुंच जाते थे। इस तरह अजीत जोगी राजीव गांधी के पसंदीदा बन गए ।

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कुछ सालों बाद जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने तो वह अपनी युवा टीम तैयार कर रहे थे, उन्हें एक युवा, तेज-तर्रार, आदिवासी चेहरे की जरूरत थी, ऐसा नेता जो छत्तीसगढ़ की नब्ज को समझता हो और जिसे लोग अपना समझें, उस समय अजीत जोगी तब इंदौर में कलेक्टर के पद पर नियुक्त थे। अजीत जोगी आदिवासी भी थे, छत्तीसगढ़ी भी और तेज-तर्रार भी, राजीव गांधी को उनका नाम सुझाया गया, एयरपोर्ट पर अजीत जोगी का चाय-नाश्ता राजीव गांधी को याद आ गया, इसके बाद राजीव गांधी ने उनके नाम पर मुहर लगा दी।

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सीधे राजीव गांधी की पहल पर अजीत जोगी की कांग्रेस पार्टी के जरिए राजनीति में एंट्री हुई। उस समय अजीत जोगी एक आदिवासी नेता के तौर पर ही राजनीति में पहचाने जाते रहे। 1985 में राजनीति में एंट्री के बाद कांग्रेस की टिकट पर वह 1986 में राज्यसभा सांसद बनाए गए । अजीत जोगी 1986 से 1998 तक राज्यसभा सांसद रहे। संसद की गलियों में ये किस्सा मशहूर है कि सांसद रहने के दौरान, हर रविवार वह उसी चर्च में प्रार्थना करने जाते थे जिसमें सोनिया गांधी जाती थीं। इस तरह अजीत जोगी सोनिया गांधी के करीबी बन गए। अजीत जोगी अब उन नेताओं में शामिल हो गए जिन्हें गांधी परिवार का खास माना जाता था। गांधी परिवार से अच्छे संबंधों का इनाम भी उन्हें मिला। जब छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ तो कांग्रेस शासित राज्य की कमान अजीत जोगी को सौंपी गई।

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बता दें कि छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी का निधन हो गया। दिल का दौरा पड़ने के बाद जोगी लंबे समय से कोमा में थे। उन्हें वेंटिलेटर से ऑक्सीजन दिया जा रहा था। वहीं आज फिर से कार्डियक अरेस्ट हुआ। इस दौरान डॉक्टरों की टीम जोगी की स्थिति कंट्रोल करने की कोशिश की। लेकिन अजीत जोगी की हालत में सुधार नहीं हुआ और दुनिया को अलविदा कह दिया। 

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9 मई से अस्पताल में थे भर्ती
गौरतलब है कि मई 9 को सुबह नाश्ता के दौरान अजीत जोगी की तबीयत बिगड़ गई थी। दिल का दौरा पड़ने के बाद तुरंत रायपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अमित जोगी ने ट्वीट कर कहा ​कि पापा की तबियत बहुत गम्भीर है। ढाई करोड़ छत्तीसगढ़वासियों की प्रार्थनाओं और ईश्वर की इच्छा पर ही अब सब कुछ निर्भर है।