दशहरा पर जाने पूजन का शुभ मुहूर्त | Auspicious time for Dussehra worship

दशहरा पर जाने पूजन का शुभ मुहूर्त

दशहरा पर जाने पूजन का शुभ मुहूर्त

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:51 PM IST, Published Date : September 29, 2017/11:22 am IST

 

बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा अश्विन मास की शुक्ल की दशमी को धूमधाम से पूरे देश भर में मनाया जाता है. इस दिन जहां ब्राह्मण शास्त्रों की पूजन करते हैं तो वहीं क्षत्रियों में शस्त्र पूजन की भी परंपरा है. दशहरा का विजय मुहूर्त दोपहर 2:08 से 2:55 बजे तक है., पूजन का समय दोपहर 1:21 से 3:42 बजे तक है. 

 

मान्यता

पौराणिक कथा के अनुसार रावण का वध करने से पूर्व भगवान श्री राम ने शक्ति का आह्वान किया था। प्रभु श्री राम की परीक्षा लेते हुए पूजा के लिये रखे गये कमल के फूलों में से मां दुर्गा ने एक फूल को गायब कर दिया। श्री राम को कमलनयन यानि कमल जैसे नेत्रों वाला कहा जाता था इसलिये उन्होंनें अपना एक नेत्र मां को अर्पण करने का निर्णय लिया ज्यों ही वे अपना नेत्र निकालने लगे देवी प्रसन्न होकर उनके समक्ष प्रकट हुई और विजयी होने का वरदान दिया।

माना जाता है इसके पश्चात दशमी के दिन प्रभु श्री राम ने रावण का वध किया। भगवान राम की रावण पर और माता दुर्गा की महिषासुर पर जीत के इस त्यौहार को बुराई पर अच्छाई और अधर्म पर धर्म की विजय के रुप में देशभर में मनाया जाता है।

वैदिक हिन्दू रीति के अनुसार इस दिन श्रीराम के साथ ही लक्ष्मण जी, भरत जी और शत्रुघ्न जी का पूजन करना चाहिए। इस दिन सुबह स्‍नान करने के बाद घर के आंगन में गोबर के चार पिण्ड गोल बर्तन जैसे बनाएं। इन्हें श्री राम समेत उनके अनुजों की छवि मानना चाहिए।

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गोबर से बने हुए चार बर्तनों में भीगा हुआ धान और चांदी रखकर उसे वस्त्र से ढक दें। फिर उनकी गंध, पुष्प और द्रव्य आदि से पूजा करनी चाहिए। पूजा के पश्चात ब्राह्मणों को भोजन कराकर स्वयं भोजन करना चाहिए। ऐसा करने से मनुष्य वर्ष भर सुखी रहता है।

 
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