नई दिल्ली। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए एकजुट हुए विपक्ष को पटकनी देने के लिए भाजपा ने कमर कस ली, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अपने संयुक्त मोर्चो के लिए राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुनने की जिम्मेदारी पार्टी के वरिष्ट नेताओं को सौप दी जिनमे, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री और रक्षा मंत्री अरूण जेटली और शहरी विकास मंत्री वैकया नायडू शामिल है।
इन तीनों दिग्गज नेताओं का काम भाजपा और अपने सहयोगी दलों को राष्ट्रपति उम्मीदवार के एक नाम पर तैयार करना होगा। हांलाकि, एनडीए के मुख्य सहयोगी दल शिवसेना ने कई बार राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए सर संघ चालक मोहन भागवत का नाम आगे बढ़या है, लेकिन भागवत ने अपनी उम्मीदवारी को नकारते हुए संघ के लिए ही काम करना बेहतर माना है।
वहीं इसके विपरित बाकि सहयोगी दलों ने अभी तक इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की है। अब इन दलों में और खुद भाजपा में राष्ट्रपति पद के लिए एक नाम पर सहमति बनाने की जिम्मेदारी इस कमेटी की होगी, सूत्रों की माने तो राष्ट्रपति चुनाव की तारीख नजदीक आने के चलते ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अरूणाचल प्रदेश का दौरा रद्द किया हैै। राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन करने की आखिरी तारीख 28 जून है, वहीं इसके लिए चुनाव 17 जुलाई को होना है।