नया बरस में गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ | Blog For Chhattisgarh On New Year

नया बरस में गढ़बो नवा छत्तीसगढ़

नया बरस में गढ़बो नवा छत्तीसगढ़

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:09 PM IST, Published Date : January 1, 2019/10:02 am IST

देशभर में नए साल के जश्न की खुमारी है। नया साल छत्तीसगढ़ के लिए भी खास है। हाल ही में नई सरकार का गठन हुआ है। नई सरकार ने ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ का संकल्प लिया है। फौरी तौर पर यह राजनीतिक या चुनावी नारा लग सकता है और ऐसा है भी, लेकिन हमारा मानना है कि वास्तव में यह गढ़ने का समय है, क्योंकि हमारा राज्य जवानी की दहलीज पर खड़ा है। 18 बरस वह समय होता है, जब हर किसी के भविष्य की दिशा तय होती है। इस उम्र में युवा वयस्क माना जाता है। इस पड़ाव में भविष्य की नींव रखी जाती है, जिस पर आगे की राह तय होती है। छत्तीसगढ़ भी अब 18 बरस का हो चुका है। ऐसे में राज्य को गढ़ने की नींव रखने का सही वक्त है।

छत्तीसगढ़ खेती-किसानी पर निर्भर राज्य है। ऐसे में राज्य का कैरियर इसी फील्ड में आगे बढ़ाया जाए तो हम बेहतर भविष्य बना सकते हैं। हालांकि राज्य सरकार ने गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का संकल्प भी इसी बुनियाद पर लिया है। राज्य के मुखिया का भी मानना है कि नरवा, गरवा, घुरवा अऊ बारी को इस राज्य की चिन्हारी (पहचान) बनाना है। सरकार ने अपने इस संकल्प के साथ सोच जाहिर कर दी है। अब बस जरुरत है साफ नीयत के साथ इसके क्रियान्वयन की। हालांकि फिलहाल सरकार की नीयत पर सवाल उठाने का न तो मौका है, न ही दस्तूर है, क्योंकि सरकार ने फटाफट अंदाज में खेती किसानी के हित में साहसिक फैसले लिए हैं। हमारा मानना है कि इस सरकार को ऐसे फैसले और योजनाओं पर काम करना होगा, जिसके नतीजे दूरगामी हों। छत्तीसगढ़ में खेती किसानी का हाल यह है कि सूबे के अधिकांश किसान केवल 4 महीने खेती करते हैं। बाकी के 8 महीने उनके पास पहुत कुछ करने को होता नहीं है। जो थोड़े बहुत किसान इन 8 महीने कुछ करते हैं, उन्हें बाजार नहीं मिल पाता या फिर घाटे का सौदा होता है। ऐसे में सरकार की ऐसी योजनाएं हों जो किसानों के लिए 8 महीने मुनाफे का काम हो। इसके लिए नरवा, गरवा, घुरवा का जतन करना होगा और बारी को मुनाफे का काम बनाना होगा। इसके लिए बाजार से लेकर उत्पाद को सुरक्षित रखने का इंतजाम करना होगा।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 18 साल का उम्र भटकाव का भी माना जाता है। ऐसे में राज्य के संरक्षकों-पालकों को खास सावधानी की जरुरत है। जैसे माता-पिता अपने 18 साल के वयस्क संतान के भविष्य को संवारने के लिए साथ खड़े होते हैं। हर माता-पिता के मन में डर होता है कि भटकाव के इस उम्र में कोई बुरी आदत या लत न लग जाए, जिससे उसका सपना न टूट जाए। ऐसी ही स्थिति इस युवा छत्तीसगढ़ की है, जिसे गढ़ने की चुनौती के सामने नशाखोरी की लत सामने खड़ी है। हम सभी वाकिफ है कि खुशहाली का एक रास्ता खुलता है तो उसके साथ बदहाली के दस रास्ते भी खुलते हैं। कहीं ऐसा न हो समृद्धि और खुशहाली की राह में युवा राज्य छत्तीसगढ़ नशे की लत में पड़ जाए। हमारा सपना है कि हमारा युवा खुशहाल और स्वस्थ्य दोनों हो। ऐसे समय में हमें इन दोनों दिशाओं में एक साथ काम करने की जरुरत है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य को शराबखोरी से दूर रखने का संकल्प लिया है। हमारा मानना है कि इन दोनों दिशाओं में एक साथ काम करने की जरुरत है, ताकि हम अपने युवा राज्य के सपनों को साकार कर सकें और उसे खुशहाल बना सकें।

 

समरेन्द्र शर्मा

कंटेंट हेड, IBC24