भोपाल। मीसाबंदियों की पेंशन रोकने पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से चार सप्ताह के अंदर नोटिस का मांगा है। मीसाबंदियों को पिछली सरकार विधानसभा में पारित विधेयक के अनुसार पेंशन दे रही थी। लेकिन नई सरकार ने आदेश जारी कर इस पर रोक लगा दी। मीसांबदियों के लिए पेंशन गुजर बसर का सहारा था। लेकिन पेंशन बंद होने से उनके सामने कई परेशानियों खड़ी हो गई है।
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सरकार के फैसले के खिलाफ लोकतंत्र सेनानी (मीसाबंदी) संघ ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। संघ ने तर्क दिया कि लोकतंत्र बचाने के लिए सेनानी जेल में रहे थे। इन सेनानियों को साल 2008 में पेंशन शुरू की गई थी। पेंशन देने के लिए विधानसभा में विधेयक पारित किया गया था। करीब 10 साल से मीसाबंदियों को पेंशन मिल रही थी। कांग्रेस सरकार ने एक प्रशासनिक आदेश जारी कर पेंशन को बंद कर दिया।
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प्रदेश में 2 हजार 286 परिवारों की आजीविका का भी साधन है। पेंशन बंद होने की जानकारी मिलने से एक सेनानी की हार्टअटैक से निधन भी हो गया। पेंशन बंद होने से आजीविका पर संकट आ गया है। मीसाबंदियों ने पेंशन बंद करने के आदेश को निरस्त करने की मांग की है।
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