CG Ki Baat: प्रियदर्शनी घोटाला...बाहर आया ’जिन्न’! प्रियदर्शिनी बैंक में घोटाले के लिए जिम्मेदार कौन है? | CG Ki Baat: Priyadarshini Scam ... came out 'Jinn'! Who is responsible for the scam in Priyadarshini Bank?

CG Ki Baat: प्रियदर्शनी घोटाला…बाहर आया ’जिन्न’! प्रियदर्शिनी बैंक में घोटाले के लिए जिम्मेदार कौन है?

CG Ki Baat: प्रियदर्शनी घोटाला...बाहर आया ’जिन्न’! प्रियदर्शिनी बैंक में घोटाले के लिए जिम्मेदार कौन है?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:58 PM IST, Published Date : December 30, 2020/5:35 pm IST

रायपुरः करीब 14 साल पहले के बहुचर्चित इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाला मामले में तत्कालीन बैंक मैनेजर के नार्को टेस्ट की सीडी आखिरकार रायपुर कोर्ट में पेश कर दी गई है। ये बात किसी से छिपी नहीं है कि मैनेजर ने नार्को टेस्ट के दौरान घोटाले से जुड़े कुछ बड़े सफेदपोशों के नाम लिए हैं, जो कि पिछली सरकार में बेहद प्रभावशाली थे। जाहिर है इससे प्रदेश में कांग्रेस-भाजपा में फिर से जुबानी जंग छिड़ चुकी है। मामले से जुड़े कई अनुत्तरित सवाल हैं, जिनमें सबसे बड़ा और अहम सवाल ये है कि अब जबकि सीडी को कोर्ट में पेश किया जा चुका है तो क्या बैंक घोटाले के पीड़ितों को उनकी बकाया तकरीबन 14 करोड़ की फंसी राशि वापस मिल पाएगी या फिर ये महज राजनीति आरोपों की नई वजह बनकर रह जाएगी।

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छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले का जिन्न एक बार फिर बाहर आया है। मामले में तत्कालीन मैनेजर उमेश सिन्हा की नार्को टेस्ट की सीडी 14 साल बाद रायपुर कोर्ट में पेश की गई। दरअसल ये पूरा मामला 2006 का है, जब बैंक में 28 करोड़ का घोटाला फूटने के बाद कोतवाली पुलिस ने मैनेजर का नार्को टेस्ट कराया। नार्को टेस्ट में मैनेजर ने कई चौंकाने वाले खुलासे करते हुए पिछली सरकार के कई प्रभावशाली लोगों का नाम लेकर उन्हें पैसे देने की बात की थी। बावजूद इसके चार्जशीट में सीडी का कहीं जिक नहीं किया गया था। कांग्रेस सरकार आने के बाद फिर से मामले की फाइल खुली और नए जांच शुरू हो गई है, जिसे लेकर बीजेपी-कांग्रेस में एक बार फिर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।

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बहरहाल 14 साल पहले हुए बैंक घोटाले के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर दोषारोपण करने में लगे हैं। मामला फिलहाल कोर्ट में है और अभी भी 14 करोड़ की राशि का भुगतान बाकी है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि प्रियदर्शिनी बैंक में घोटाले के लिए जिम्मेदार कौन है? आखिर मैनेजर के नार्को टेस्ट की सीडी को कोर्ट में अब तक क्यों जमा नहीं किया गया था? उमेश सिन्हा ने जिन प्रभावशाली लोगो को करोड़ों रुपए देने की बात कही थी, वो कौन हैं..? सवाल ये भी कि संचालक मंडल में उस समय 19 सदस्य थे। उनमें से केवल 11 सदस्यों की गिरफ्तारी हुई थी, तो बाकी पर अब तक क्यों एक्शन नहीं लिया गया?

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