कबीरधाम । जिले के सुदूर नक्सल प्रभावित रेंगाखार थाना अंतर्गत ग्राम खम्हरिया गांव के ग्रामीण व आदिवासी समाज के लोगों ने पुलिस पर ग्रामीण के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया और मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कराने की मांग को लेकर थाने का घेराव किया। इस बीच मामला विवाद तक पहुंच गया। ग्रामीणों ने जहां पुलिस पर पथराव किया वहीं पुलिस ने भी बल प्रयोग किया। जिससे दोंनो पक्षों के दर्जनों लोग घायल हो गए। इनमें कई टीआई भी शामिल हैं।
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वहीं सुदुर वनांचल व नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण मामले में पुलिस ने ऐहतिहात बरतते हुए ग्रामीणों को समझाइश देते हुए मामला शांत कराया। ग्रामीणों ने भी तीन दिन के भीतर मारपीट करने वाले पुलिस वालों पर एफआईआर करने की मांग करते हुए वापस लौटे। दरअसल सप्ताह भर पहले ग्राम खम्हरिया व मोहनपुर के बीच रेत से भरी गाडी खडी थी जिसे पुलिस व वन विभाग के कर्मियों ने सूनसान जगह में खडी होने की बात पर जांच शुरू की। इस बीच रेंगाखार पुलिस ने वाहन मालिक के घर ग्राम खम्हरिया देर रात पहुंची जहां वाहन मालिक घर में नहीं मिला।
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ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के सावंत राम को वाहन मालिक के बारे में पूछताछ करते हुए पुलिस वालों ने मारपीट दिया। जिसकी रिपोर्ट परिजन व आदिवासी समाज के लेगों ने सुबह रेंगाखार थाने में दी। और पुलिस वालों पर मारपीट करने का आरोप लगाया। मारपीट करने वालों पर कार्रवाई की मांग को लेकर आज फिर ग्रामीण व आदिवासी समाज के लोगों ने रेंगाखार थाने का घेराव किया। जहां पुलिस व ग्रामीणों के बीच विवाद की स्थिति बन गई। हालांकि रात में आला अधिकारियें के समझाइश के बाद ग्रामीण मारपीट करने वाले दोशी पुलिस वालों पर एफआईआर की मांग करते तीन दिन का समय दिया। तीन दिन बाद भी अगर एफआईआर नहीं होती है तो फिर उग्र आदोंलन की चेतावनी दी है।
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