रायगढ़ । लोकसभा सीट से भाजपा के मौजूदा सांसद रहे विष्णुदेव साय की टिकट कटने और भाजपा से गोमती साय को टिकट मिलने के बाद अब इस लोकसभा सीट में सियासी समीकरण बदलने लगे हैं। भाजपा जहां नए चेहरे को दांव में लगाकर इस सीट को हर हाल मे जीतने का दावा कर रही है तो कहीं न कहीं नये चेहरा होने का नुकसान भी भाजपा को उठाना पड़ सकता है। गोमती साय वर्तमान में जहां जिला पंचायत जशपुर की अध्यक्ष हैं तो वहीं पूर्व मे जनपद व जिला पंचायत सदस्य भी रही हैं।
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गोमती साय जशपुर में भले ही पहचान की मोहताज न हो लेकिन रायगढ़ जिले में गोमती साय बेहद नया चेहरा होने के साथ साथ उनकी संगठन में भी पकड़ नहीं है।
जिला भाजपा के पदाधिकारियों के साथ ही साथ कार्यकर्ताओं के लिए भी वे नया चेहरा हैं। विष्णुदेव साय के समर्थक भी कहीं न कहीं टिकट वितरण से नाराज चल रहे हैं। ऐसे में भाजपा के लिए इस सीट को जीतना आसान नहीं होगा।
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कांग्रेस के लिए कमोबेश यही स्थिति जशपुर को लेकर है। कांग्रेस प्रत्याशी लालजीत सिंह राठिया रायगढ़ जिले का चर्चित चेहरा है हालांकि जशपुर क्षेत्र में उनका संपर्क बेहद कम है। चूंकि जशपुर में सिर्फ तीन विधानसभा सीटें हैं और 8.5 लाख वोटर जबकि रायगढ़ की पांच सीटों में तकरीबन 13 लाख वोटर हैं। ऐसे में कांग्रेस रायगढ़ को फोकस कर चुनाव जीतने की कवायद में जुटी है। कांग्रेस ये मानती है कि भाजपा का केंडीडेट तय होने के बाद अब कांग्रेस की जीत और भी पक्की हो गई है। तो वहीं भाजपा मोदी लहर और नए चेहरे के बलबूते एंटी इंकमबेंसी के फेक्टर को पाटकर जीत को लेकर आश्वस्त है।