रायपुर: सीएम भूपेश बघेल प्रदेश की कमान संभालते ही छत्तीसगढ़ की जानता को कई सौगात दिए हैं। अब वे अपने एक और वादे को पूरा करने जा रहे हैं। बस्तर के जिन आदिवासियों नक्सली लादे गए आरोपों की समीक्षा के लिए सीएम ने उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है। बता दें सीएम भूपेश बघेल ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि बस्तर के जो आदिवासी नक्सली होने के आरोप में सजा काट रहे हैं उनके खिलाफ लगाए गए आरोप वापस लिए जाएंगे। उच्च स्तरीय कमेटी के गठन के बाद सीएम भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है।
सीएम बघेल ने अपने ट्वीट में लिखा है कि ”ये फर्क है कांग्रेस और भाजपा की सरकार में। एक वो फासिस्ट सरकार थी, जिसने छत्तीसगढ़ के निर्दोष आदिवासियों पर फर्जी मामले लादे थे। तब इस प्रदेश के आदिवासी एक संवेदनहीन सरकार के अंतहीन अत्याचारों से त्रस्त थे। तब सरकार ने एक कमेटी बनाई भी थी तो वह आंखों में धूल झोंकने जैसी साबित हुई।
ये फर्क है कांग्रेस और भाजपा की सरकार का। एक वो फासिस्ट सरकार थी जिसने छग के निर्दोष आदिवासियों पर फर्जी मामले लादे थे। तब इस प्रदेश के आदिवासी एक संवेदनहीन सरकार के अंतहीन अत्याचारों से त्रस्त थे। तब सरकार ने एक कमेटी बनाई भी थी तो वह आंखों में धूल झोंकने जैसी साबित हुई। 1/2
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) March 6, 2019
”हमने आदिवासियों से वादा किया था और अब हमने उन पर लादे गए प्रकरणों की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर दिया है। हमें भरोसा है कि जेलों में बंद निर्दोष आदिवासियों को न्याय मिलेगा और अपमान भरी जिंदगी से मुक्ति मिलेगी।”
हमने आदिवासियों से वादा किया था और अब हमने उन पर लादे गए प्रकरणों की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर दिया है। हमें भरोसा है कि जेलों में बन्द निर्दोष आदिवासियों को न्याय मिलेगा और अपमान भरी जिंदगी से मुक्ति मिलेगी। 2/2
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) March 6, 2019
गौरतलब है कि बीते दिनों सीएम भूपेश बघेल ने बस्तर के आदिवासियों को एक और राहत दी थी। भूपेश सरकार ने बस्तर के लोहांडीगुड़ा में टाटा प्लांट के लिए अधिग्रहित की गई जमीन आदिवासियों को वापस लौटाई है।
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