सीएम बघेल ने दी बड़ी राहत, नगरीय क्षेत्रों में आवास, व्यवसाय और अन्य प्रयोजन के लिए अब सहजता से मिल सकेगी शासकीय जमीन | CM Baghel gave big relief, now government land will be easily available for housing, business and other purpose in urban areas

सीएम बघेल ने दी बड़ी राहत, नगरीय क्षेत्रों में आवास, व्यवसाय और अन्य प्रयोजन के लिए अब सहजता से मिल सकेगी शासकीय जमीन

सीएम बघेल ने दी बड़ी राहत, नगरीय क्षेत्रों में आवास, व्यवसाय और अन्य प्रयोजन के लिए अब सहजता से मिल सकेगी शासकीय जमीन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:02 PM IST, Published Date : June 13, 2020/5:06 am IST

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि पर काबिज लोगों के साथ ही अन्य लोगों को आवासीय अथवा व्यावसायिक या अन्य प्रयोजन हेतु शासकीय भूमि सहजता से आवंटित हो सके इसके लिए अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए है। जिसके तहत शासकीय भूमि के आवंटन एवं व्यवस्थापन के संबंध में राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ राजस्व पुस्तक परिपत्र के खण्ड चार-एक एवं खण्ड चार-2 के प्रावधानों में आंशिक संशोधन करते हुए इसे अब और सरल करते हुए कलेक्टर को अधिकार प्रत्यायोजित किए गये है। इससे जिला स्तर पर भूमि आवंटन एवं व्यवस्थापन के मामलों को पूरी पारदर्शिता के साथ सहजता एवं शीघ्रता से निराकृत किया जा सकेगा। भूमि आवंटन की सरलीकृत प्रक्रिया का लाभ कब्जाधारियों सहित अन्य इच्छुक लोगों को मिल सकेगा।

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राज्य शासन द्वारा केन्द्र तथा राज्य के विभागों और निगमों, मंडलों एवं आयोगों को शासकीय भूमि के आवंटन का अधिकार कलेक्टरों को दिया गया है। नगरीय क्षेत्रों में 7500 वर्गफीट तक शासकीय भूमि का 30 वर्षीय पट्टे पर आवंटन तथा अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन का अधिकार भी कलेक्टरों को दिया गया है। 7500 वर्गफीट से अधिक शासकीय भूमि के आवंटन तथा अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन का अधिकार राज्य सरकार को होगा।

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नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा अधिसूचित विकास योजना के अनुरूप ही नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि का आवंटन तथा अतिक्रमित शासकीय भूमि का व्यवस्थापन हो सकेगा। नगरीय निकायों को व्यावसायिक प्रयोजन के लिए भू-खण्ड का आवंटन हेतु प्रब्याजि का निर्धारण प्रचलित गाईड लाइन के 25 प्रतिशत के बराबर मूल्य पर किया जाएगा। शासकीय भूमि का आबंटन किसी व्यक्ति या संस्था को करते समय देय प्रब्याजि का निर्धारण प्रचलित गाईडलाईन के आधार पर किया जाएगा।

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इसी तरह किसी शासकीय भू-खण्ड के आवंटन हेतु दो या दो से अधिक व्यक्ति अथवा संस्था का आवेदन प्राप्त होने पर प्रचलित गाईडलाईन के दर पर निर्धारित की गई प्रीमियम दर को आफसेट मानते हुए नीलामी के माध्यम से सर्वाधिक बोली लगाने वाले को किया जाएगा। राज्य शासन ने भूमि स्वामी या पट्टेदार को भू-भाटक की अदायगी के मामले में भी विशेष रियायती दी है। भू-भाटक की राशि का 15 वर्ष का एकमुश्त भुगतान करने पर भूमि स्वामी या पट्टेदार को आगामी 15 वर्ष (16वें वर्ष से 30वें वर्ष तक) के भू-भाटक से छूट रहेगी। शासन की इस रियायत से प्रति वर्ष भू-भाटक के भुगतान की कठिनाईयों से भी लोगों को राहत मिलेगी।

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सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि जिला स्तर पर शासकीय भूमि के आवंटन एवं अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन के संबंध में सभी कलेक्टरों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं। भूमि आवंटन के संबंध में प्राप्त होने आवेदनों का परीक्षण जिला स्तरीय समिति द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रियायती एवं गैर रियायती दर पर प्राप्त पट्टों की भूमि को भूमि स्वामी हक में परिवर्तन के लिए निर्धारित मूल्य से 2 प्रतिशत अतिरिक्त राशि देनी होगी।

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भूमि आवंटन अथवा व्यवस्थापन तथा भूमि स्वामी हक में परिवर्तन से संबंधित सभी प्रकरणों में ईश्तहार प्रकाशन, दावा-आपत्ति की प्रक्रिया तथा विधिवत सुनवाई किया जाना है। कलेक्टर भूमि आवंटन एवं व्यवस्थापन के मामले में केवल ऐसी भूमि का ही आवंटन कर सकेंगे, जिसे लोक बाधा, स्वास्थ्य सुरक्षा, जन सुविधा, लोक प्रयोजन तथा पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से सुरक्षित रखने की आवश्यकता न हो। आवंटन योग्य भूमि का चिन्हांकन कर भुईंया सॉफ्टवेयर में अपलोड कराकर शासकीय विभागों को उक्त भूमि की आवश्यकता के संबंध में प्रस्ताव प्राप्त कर आवंटित किया जाएगा।