सत्ता हथियाने के बाद बदले कांग्रेस नेताओं के तेवर, अडानी की परियोजना के खिलाफ दिखाई नरमी | Congress take u turn after make government on adani coal project

सत्ता हथियाने के बाद बदले कांग्रेस नेताओं के तेवर, अडानी की परियोजना के खिलाफ दिखाई नरमी

सत्ता हथियाने के बाद बदले कांग्रेस नेताओं के तेवर, अडानी की परियोजना के खिलाफ दिखाई नरमी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:31 PM IST, Published Date : April 2, 2019/2:59 pm IST

अंबिकापुर: कल तक जिस अडानी परियोजना को लेकर कांग्रेस के तेवर तल्ख़ नजर आ रहे थे, वह अब नरम पड़ती पड़ती दिख रही है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और सरगुजा विधायक टीएस सिंहदेव ने भी साफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अगर अपनी जमीन नहीं देना चाहती तो वो न दें और जब तक उन्हें मदद के लिए नहीं बुलाया जाता वह बिन बुलाए मेहमान की तरह नहीं पहुंचेंगे।

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दरअसल अडानी के परसा कोल ब्लॉक के लिए 5 गांव की करीब 800 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जानी है, लेकिनर इनमें से कुछ गांव के लोग इसका जमकर विरोध कर रहे हैं। आलम ये है कि प्रशासन को पुलिस के बल पर अधिग्रहण की नौबत आ गई है। अब भी इलाके के ग्रामीण इस परियोजना का जमकर विरोध कर रहे हैं और अपनी जमीन देने इनकार कर रहे हैं। कुछ महीनों पहले तक जब कांग्रेस सत्ता पर नहीं थी, तो वह भी ग्रामीणों के साथ रहने की बात करते हुए अडानी का खुलकर विरोध कर रही थी। अब सत्ता में आने के बाद कांग्रेस के तेवर नरम नजर आ रहे हैं।

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प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और इलाके के विधायक टीएस सिंहदेव ने भी साफ़ कर दिया है कि जब तक उन्हें ग्रामीण मदद के लिए नहीं बुलाते तब तक वह बिन बुलाए मेहमान की तरह वहां नहीं जाएंगे। यही नहीं मंन्त्री टीएस सिंह ने कहा की जमीन अधिग्रहण की स्वीकृति पूर्व सरकार में दी गई थी, ऐसे में जमीन के मालिक ग्रामीण के मालिक खुद है। अगर वे जमीन नहीं देना चाहते हैं, तो न दें। ऐसे में कहा जा सकता है कि जो कांग्रेस अडानी के विरोध और ग्रामीणों के साथ नजर आ रही थी उसके तल्ख़ तेवर बदले नजर आ रहे हैं और अब पूरा मामला ग्रामीणों पर ही छोड़ दिया गए है। ऐसे में देखना होगा कि आने वाले दिनों में अडानी का खुलकर विरोध कर रहे ग्रामीण क्या अपनी जमीन देते हैं या फिर उनके विरोध के कारण अधिग्रहण की कार्रवाई प्रभावित होती है।

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