भूपेश की मांग..एक हो दाम...केंद्र से पूछा- केंद्र-राज्य के लिए एक ही दर पर वैक्सीन उपलब्ध क्यों नहीं है? | Demand for Bhupesh ... one price ... asked the Center - why is there no vaccine available at the same rate for the center-state?

भूपेश की मांग..एक हो दाम…केंद्र से पूछा- केंद्र-राज्य के लिए एक ही दर पर वैक्सीन उपलब्ध क्यों नहीं है?

भूपेश की मांग..एक हो दाम...केंद्र से पूछा- केंद्र-राज्य के लिए एक ही दर पर वैक्सीन उपलब्ध क्यों नहीं है?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:08 PM IST, Published Date : April 22, 2021/6:24 pm IST

रायपुर: सारे देश में 1 मई से 18+ वाले लोगों को कोरोना वैक्सीन लगना है। छत्तीसगढ़ सरकार ये ऐलान कर चुकी है कि राज्य के लोगों को वैक्सीन फ्री में लगाई जाएगी, इसका पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। जाहिर तौर पर इसके लिए राज्य को बड़े स्तर पर कार्ययोजना बनाकर काम करना है। इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने केंद्र से व्यवस्था को लेकर कुछ गंभीर सवाल पूछे हैं, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर केन्द्र सरकार से पूछा है कि वन नेशन-वन टैक्स के दौर में केंद्र – राज्य के लिए एक ही दर पर वैक्सीन उपलब्ध क्यों नहीं है?

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इस वक्त पूरा देश कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है। वक्त की जरूरत है कि वैक्सीनेशन को लेकर केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर काम करें, लेकिन इस बीच कई ऐसी व्यवहारिक दिक्कते हैं। जो वैक्सीनेशन की रफ्तार को धीमा कर सकती हैं, इसी लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर 1 मई से शुरू हो रहे वैक्सीनेशन प्लान के बारे में कुछ जानकारी मांगी है।

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सीएम भूपेश बघेल ने पूछा है कि राज्य को केन्द्र सरकार और दवा कंपनियों से माहवार कितनी वैक्सीन मिलेगी ? वैक्सीन कंपनियों द्वारा केन्द्र और राज्य को उपलब्ध कराई जानी वैक्सीन की दरें बताएं ? सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि वैक्सीन की दर केन्द्र और राज्य के लिए एकसमान होना चाहिए जो कि न्यायोचित भी होगा। मौजूदा हालात में कोरोना संक्रमण देशव्यापी है। ऐसे में राज्य की प्रमुख चिंता है कि वैक्सीन की कीमत तीन के बजाय एक होनी चाहिए, क्योंकि कोरोना और लॉकडाउन ने पहले से सभी राज्यों की आर्थिक स्थिति बिगड़ कर रखी है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक केंद्रीय बजट में 30 हजार करोड़ वैक्सीनेशन के लिए ऱखे गए हैं। ये राशि वैक्सीन के लिए राज्यों को मिलनी चाहिए..ताकि राज्यों पर भार कम पड़े।

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दरअसल, सीरम कंपनी ने कोरोना वैक्सीन के लिए तीन तरह से दरें तय की है। इसमें केन्द्र को 150 रु, राज्य को 400 रु और निजी अस्पतालों को 600 रुपए में वैक्सीन मिलेगी। इधर,छत्तीसगढ़ सरकार ने 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को फ्री में वैक्सीन देने का निर्णय लिया है। प्रदेश में 18 से 45 वर्ष उम्र के लोगों की संख्या 1 करोड़ 35 लाख से ज्यादा है। यानि सरकार को 400 रुपए के हिसाब से वैक्सीन का एक डोज देने पर पांच सौ करोड़ का खर्च होगा जबकि वैक्सीन लगाने और ट्रेनिंग देने जैसे अन्य खर्च को जोड़ा जाए तो कोरोना वैक्सीन खरीदी से लगाने तक सरकार को तकरीबन एक हजार करोड़ रुपए खर्च करने होंगे। इधऱ,वैक्सीन की एक दर को लेकर राज्य सरकार के मांग उठाते ही भाजपा और कांग्रेस नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे है।

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देश में कोरोना से पहले पोलियो और मलेरिया जैसी कई बीमारियों को रोकने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर वैक्सीनेशन अभियान चले हैं, जिसका पूरा खर्च भारत सरकार ने ही उठाया है। लेकिन आज एक ही देश में वैक्सीन के लिए तीन दरें समझ से परे हैं। सवाल ये भी उठ रहा है कि ऐसे कठिन हालात में केंद्र सरकार भारत बायोटेक से वैक्सीन लेकर राज्यों को कम दर पर क्यों नहीं देते ?

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