दीवाली ग्रीन पटाखों वाली! NGT ने खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों में लगाया पटाखा फोड़ने पर प्रतिबंध, कैसे करें ग्रीन पटाखों की पहचान.. जानिए | Diwali with green firecrackers! NGT imposes ban on bursting of firecrackers in cities with poor air quality

दीवाली ग्रीन पटाखों वाली! NGT ने खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों में लगाया पटाखा फोड़ने पर प्रतिबंध, कैसे करें ग्रीन पटाखों की पहचान.. जानिए

दीवाली ग्रीन पटाखों वाली! NGT ने खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों में लगाया पटाखा फोड़ने पर प्रतिबंध, कैसे करें ग्रीन पटाखों की पहचान.. जानिए

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:11 PM IST, Published Date : November 13, 2020/4:02 pm IST

रायपुर। कोरोना काल और प्रदूषण को देखते हुए NGT यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने खराब AQI वाले शहरों में 30 नवंबर तक पटाखा फोड़ने पर रोक लगा दी है..हालांकि जिन शहरों की वायु गुणवत्ता मॉडरेट स्तर का है ..वहां ग्रीन पटाखे फोड़े जा सकेंगे..लेकिन सिर्फ दो घंटे तक.. लेकिन सवाल है कि..आखिर क्या होता है ग्रीन पटाखें… सवाल ये भी कि खरीदते समय इनकी पहचान कैसे करें.. इनके अलावा NGT के आदेश को लेकर मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ की सरकार और प्रशासन की क्या तैयारी है?

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दीप पर्व यानी कि दीवाली..वैसे तो ये रोशनी और खुशियों का त्योहार है.. और इस उत्सव को लोग काफी हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं.. लेकिन दीवाली के मौके पर पटाखों का शोर भी खूब सुनाई देता है..पॉल्यूशन होता है अलग..। पटाखों से होने वाले वायु और ध्वनि प्रदूषण और इस साल कोरोना महामारी को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने देश के चुनिंदा शहरों में ही पटाखों के इस्तेमाल की इजाजत दी है..बाकी जिन शहरों की AQI खराब है..वहां पटाखे पूरी तरह से बैन रहेंगे .. हालांकि जिन शहरों या कस्बों में जहां हवा की क्वालिटी मोडरेट स्तर का है, वहां पर सिर्फ दो घंटे और ग्रीन पटाखों की फोड़ने की इजाज़त होगी…। ऐसे में सबके जेहन में ये सवाल उठ रहा है कि.. आखिर क्या होते हैं ग्रीन पटाखें.. और सामान्य पटाखों से कैसे अलग होता है.. NGT के आदेश के बाद हमने अपने दर्शकों के लिए इन तमाम सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश की।

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जाहिर तौर पर ग्रीन पटाखे भले ही देखने और जलने में सामान्य पटाखों जैसे दिखाई देते हों लेकिन ये कम धुआं पैदा करते हैं, साथ ही इनसे निकलने वाली गैस भी अपेक्षाकृत कम हानिकारक होती हैं लिहाजा दीवाली के उत्साह और उमंग को बरकरार रखने के लिए ग्रीन पटाखे जलाना एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है..NGT का आदेश मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी लागू होगा..लेकिन अच्छी बात ये है कि यहां पर सभी शहर में वायु गुणवत्ता बहुत ज्यादा खराब नहीं है.. हालांकि NGT का आदेश ऐसे समय आया है जब अधिकांश शहरों में पटाखा के थोक व्यापारी तो अपना कारोबार कर ही चुके हैं… साथ ही फुटकर व्यापारियों की दुकानें भी सज गई हैं.. अब प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस बात को लेकर है अधिक प्रदूषित शहरों में जिन व्यापारियों को प्रशासन ने हाल ही में पटाखा बेचने की परमिशन जारी की है.. उसका हल क्या निकाला जाए… साथ ही जिन आम लोगों के पास पटाखे पहुंच चुके हैं.. उन्हें पटाखा फोड़ने से कैसे रोका जाए.. क्या प्रशासन ने कोई ऐसी मॉनिटरिंग टीम बनाई है..जो तय सीमा के बाद भी पटाखे फोड़ने वालों पर कार्रवाई करे.. सबसे बड़ा सवाल ये कि आम लोग और पटाखा दुकानदार इन ग्रीन पटाखों को लेकर कितने जागरुक हुए हैं।

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कुल मिलाकर कोरोना काल, प्रदूषण और NGT के आदेश के बाद आईबीसी 24 भी सभी दर्शकों से अपील करता है कि इस बार दीवाली ग्रीन पटाखों वाली मनाइए..खुद भी सुरक्षित रहिए. और पर्यावरण को भी साफ रखिए.. क्योंकि कोरोना संक्रमण को देखते हुए एक्सपर्ट भी मानते हैं कि कोविड मरीजों के लिए पटाखों का धुंआ बेहद खतरनाक है।