रविवार को इस प्रकार करें सूर्योपासना, सूर्य देव होंगे प्रसन्न और आपमें होगा नई ऊर्जा का संचार | Do Suryopasna on Sunday in this way, Sun God will be happy and you will have new energy

रविवार को इस प्रकार करें सूर्योपासना, सूर्य देव होंगे प्रसन्न और आपमें होगा नई ऊर्जा का संचार

रविवार को इस प्रकार करें सूर्योपासना, सूर्य देव होंगे प्रसन्न और आपमें होगा नई ऊर्जा का संचार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:34 PM IST, Published Date : April 19, 2020/1:23 am IST

रायपुर। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रविवार का दिन सूर्य भगवान का होता है। इस दिन विधि- विधान से सूर्य भगवान की पूजा करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं। आइए, आज हम आपको कुछ उपाय बताते हैं, जिनको करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं।

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य देव को नित्य जल अर्पित करना चाहिए। विशेषकर रविवार के दिन सूर्य देव को जल अवश्य अर्पित करें। सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए मंत्र जाप भी किया जाता है। 

”एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणाध्र्य दिवाकर।।”
इस मंत्र का 108 बार जप करें।

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रविवार के दिन गुड़ का दान करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं।
इस आरती को करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं…

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरंपार।।
प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।
वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।
ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।

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