नई दिल्ली। पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान को कूटनीतिक और व्यापारिक मोर्चे पर चौतरफा घेरने की भारत की कोशिशें जारी हैं। भारत ने फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (एफएटीएफ) से पाकिस्तान को ‘काली सूची’ में डालने का अनुरोध किया था। इस पर संस्था ने पाकिस्तान की इमरान खान सरकार को आतंकवादी फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अक्टूबर तक का समय दिया है।
एफएटीएफ का कहना है कि पाकिस्तान यदि आतंकियों की वित्तीय मदद रोकने के लिए समुचित एवं पर्याप्त कदम नहीं उठाता है तो उसे ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाएगा। इस तरह देखें तो पाकिस्तान को एफएटीएफ से करीब सात महीने का समय मिल गया है। हालांकि संस्था ने पाकिस्तान को पहले से ही अपनी ग्रे लिस्ट में रखा है।
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पेरिस में हफ्तेभर चली बैठक के बाद पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखने का फैसला शुक्रवार को लिया गया। अगर पाकिस्तान को ब्लैक लिस्टेड करवाने की भारत की मुहिम सफल हो जाती है तो पहले से ही आर्थिक बदहाली का सामना कर रहे पाकिस्तान के लिए यह बड़ा झटका होगा। इससे पाकिस्तान को आर्थिक मोर्चे पर और कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
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