'मैं तुझे देख लूंगा' धमकी नहीं है, गुजरात हाईकोर्ट का फैसला, एफआईआर किया रद्द | Gujarat High Court verdict

‘मैं तुझे देख लूंगा’ धमकी नहीं है, गुजरात हाईकोर्ट का फैसला, एफआईआर किया रद्द

'मैं तुझे देख लूंगा' धमकी नहीं है, गुजरात हाईकोर्ट का फैसला, एफआईआर किया रद्द

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:43 PM IST, Published Date : February 23, 2019/9:59 am IST

अहमदबाद। गुजरात हाईकोर्ट ने ‘मैं तुझे देख लूंगा’ कहने को आपराधिक धमकी मानने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने एक वकील के खिलाफ दर्ज केस में फैसला सुनाया है। मामूली से झड़प में लोग देख लेने की धमकी देते हैं, तो ऐसा कहने के बाद डरने की जरुरत नहीं है।आपको बतादें कोर्ट ने वकील के खिलाफ दर्ज एफआईआर को अमान्य घोषित करते हुए यह फैसला सुनाया है। इस मामले में दो साल से एक वकील जेल मे बंद है।

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मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस ए. एस. सुपेहिया ने कहा, ‘किसी को देख लूंगा कहना धमकी नहीं है। धमकी वह होती है, जिससे पीड़ित के दिमाग में किसी तरह का डर पैदा हो। इस केस में ऐसी कोई बात सामने नहीं आ रही है। इसे अधिकारी को दी गई आपराधिक धमकी नहीं समझा जा सकता है।’ यह फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने एफआईआर रद्द कर दी।

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गौरतलब है साबरकंठा जिले के वकील मोहम्मद मोहसिन छालोतिया ने 2017 में पुलिसकर्मियों को ‘देख लेने’ और हाई कोर्ट में घसीट लेने की धमकी दी थी। तब से वकील जेल में ही बंद है। इस केस में वकील ने ही पुलिस की एफआईआर के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

 
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