वाशिंगटन। सिख समुदाय की धार्मिक पहचान से जुड़ी पगड़ी को लेकर अमेरिका को नीति बदलने के लिए मजबूर करने वाले भारतवंशी उद्यमी गुरिंदर सिंह खालसा को अमेरिका के प्रतिष्ठित रोजा पार्क ट्रेलब्लेजर पुरस्कार 2019 प्रदान किया गया है। इंडियानापोलिस निवासी गुरिंदर(45) को लगातार साहस और करुणा के प्रदर्शन के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया।
पुरस्कार के आयोजकों ने बताया कि साल 2007 में गुरिंदर को पगड़ीधारी होने के कारण एक विमान में चढ़ने से रोक दिया गया था। इस घटना के बाद गुरिंदर ने सिख पगड़ी को लेकर एक देशव्यापी अभियान शुरू किया। उन्होंने पूरे अमेरिका से 67,000 से भी अधिक लोगों को इस मुद्दे पर अमेरिकी कांग्रेस को याचिका देने के लिए प्रेरित किया। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और अमेरिकी कांग्रेस ने परिवहन और सुरक्षा प्रशासन को सिख समुदाय के लोगों की पगड़ी को लेकर नीति बदलने के लिए बाध्य किया।
इसके बाद ही अमेरिका में सिखों को हवाई अड्डे पर सुरक्षा जांच के दौरान पगड़ी पहने रहने की इजाजत मिली। पुरस्कार मिलने पर गुरिंदर ने कहा, मुझे विमान में चढ़ने से रोका गया था क्योंकि मैंने अपनी पगड़ी उतारने से मना कर दिया था। मैंने यह फैसला उन तमाम लोगों के लिए लिया जो धर्म और आस्था की आजादी में विश्वास करते हैं।
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इंडियाना आधारित सिख्स पॉलिटिकल अफेयर्स कमिटी के प्रमुख गुरिंदर ने यह पुरस्कार सिख समुदाय को समर्पित किया है। उन्होंने कहा, यह पुरस्कार मेरे बारे में नहीं है। अगर समूचा समुदाय समर्थन नहीं करता तो यह बदलाव संभव नहीं था। इसलिए मैंने यह पुरस्कार अमेरिका के उन 67 हजार से भी अधिक लोगों और सिख कोलिशन के नाम समर्पित किया है जिन्होंने इस मुद्दे पर याचिका देने के अभियान में हिस्सेदारी की।
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