हिना कांवरे विधानसभा की उपाध्यक्ष निर्वाचित, बहुमत के आधार पर मिला पद, बीजेपी का हंगामा | Heena Kanwre elected vice president of the assembly

हिना कांवरे विधानसभा की उपाध्यक्ष निर्वाचित, बहुमत के आधार पर मिला पद, बीजेपी का हंगामा

हिना कांवरे विधानसभा की उपाध्यक्ष निर्वाचित, बहुमत के आधार पर मिला पद, बीजेपी का हंगामा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:30 PM IST, Published Date : January 10, 2019/7:03 am IST

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष के पद पर टकराव के बाद सत्तापक्ष कांग्रेस ने उपाध्यक्ष पद की जंग भी जीत ली है। हालांकि परम्परा यह रही है कि उपाध्यक्ष पद विपक्ष के लिए छोड़ा जाता है, लेकिन भाजपा के स्पीकर पद पर उम्मीदवार उतारे जाने के बाद कांग्रेस ने यह सियासी कार्ड खेला है। उपाध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस से हिना कांवरे निर्वाचित हो गई हैं। उनके खिलाफ भाजपा ने जगदीश देवड़ा को उम्मीदवार बनाया था। हिना कांवरे लांजी से दूसरी बार की कांग्रेस विधायक चुनीं गई हैं। 

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उल्लेखनीय है कि गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष ने बहुमत के आधार पर हिना कावरे को उपाध्यक्ष घोषित किया। सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में बुधवार को राज्यसभा में पारित हुए सामान्य वर्ग के आरक्षण बिल पर धन्यवाद ज्ञापित करना शुरू कर दिया। इस पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने हंगामा कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को टोकते हुए कहा कि बिना अनुमति आप कुछ नहीं बोल सकते आप बैठ जाए। अध्यक्ष की बात सुनते ही विपक्ष के सदस्यों ने भी हंगामा शुरू कर दिया।

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सदन में भारी हंगामे के बीच उपाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। विपक्षी सदस्य आसंदी के सामने पहुंच नारेबाजी कर रहे हैं। भारी हंगामें के बीच अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी गई है। इसके बाद अध्यक्ष ने बहुमत के आधार पर हीना कांवरे को उपाध्यक्ष घोषित कर दिया। अध्यक्ष की इस घोषणा के साथ ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने इसे अलोकतांत्रिक करार दिया है।

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हीना कांवरे ने कहा है कि पार्टी ने मुझे बड़े पद की जिम्मेदारी देने का फैसला किया है, यह मेरे लिए गौरव की बात की है। भाजपा ने परंपरा तोड़ी है, इसलिए इस पद पर उनका कोई हक नहीं बनता था। उन्होंने पहले ही दावा किया था कि बहुमत कांग्रेस के पास है, इसलिए जीत भी हमारी होगी।
हिना कांवरे बालाघाट से बड़ा चेहरा है। उनके पिता लखीराम कांवरे दिग्विजय सिंह सरकार में मंत्री थे। उधर, उपाध्यक्ष का चुनाव लडऩे के पार्टी के निर्णय से भाजपा के कई वरिष्ठ विधायक असहमत हैं। इनमें से कुछ बैठक में कह चुके हैं कि स्पीकर और उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं लडऩा चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी संगठन में यही बात रखी थी। विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरने वाले विजय शाह ने कहा था कि सदन की परंपरा रही है कि उपाध्यक्ष के पद पर चुनाव नहीं होता है। उन्होंने कहा, हम अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ते तो उपाध्यक्ष पद स्वत: मिल जाता। पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा, जनादेश कांग्रेस को मिला है और हमारी संख्या 109 है। हमें इसका ध्यान रखना चाहिए।

 
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