भोपाल। मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर होने वा उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार बीजेपी और कांग्रेस का गणित बिगाड़ सकते हैं। क्योंकि बड़ी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवारों ने नामांकन भरा है। राजनीतिक पार्टियों के अलावा क्षेत्रीय दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों ने उपचुनाव में बड़ी संख्या में नामांकन दाखिल किया है।
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मध्य प्रदेश में उप चुनाव में अब तक बड़ी संख्या में निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में है इन प्रत्याशियों ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों की चिंता बढ़ा दी है। इतनी बड़ी संख्या में निर्दलीय प्रत्याशियों के मैदान में होने से कांग्रेस और बीजेपी की टेंशन बढ़ गई है।
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कांग्रेस और बीजेपी अब अपने प्रत्याशियों की मौजूदगी को लेकर नफ़ा नुक्सान का आंकलन करने में जुट गए है। टेंशन इसलिए क्योंकि मध्य प्रदेश में 2018 के चुनाव नतीजों पर नजर डालें तो तो पता चलता है कि अगर ये निर्दलीय न होते तो स्पष्ट बहुमत की सरकार बनती क्योंकि कई सीटों पर हार जीत के अंतर से ज्यादा निर्दलियों ने वोट लेकर कांग्रेस , बीजेपी का खेल बिगाड़ दिया था।
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दरअसल 28 सीटों के उपचुनाव के लिए कुल मिलाकर चुनाव मैदान में ,530 उम्मीदवार मैदान में है। सबसे ज्यादा मेहगांव सीट पर 40 उम्मीदवार है सबसे कम 6 उम्मीदवार नेपा नगर में है। ऐसे में निर्दलिय प्रत्याशियों की वोट काटने की ताकत को भांपते हुए कांग्रेस और बीजेपी दोनों टेंशन में हैं। अब ये तो वोटर बताएगा कि किसका खेल बनता है किसका खेल बिगड़ता है।