लव स्टोरी नक्सली की! बंदूक छोड़ थामा प्रेमिका का हाथ, जानिए ​लाल गलियारे का खूंखार कैसे दिल दे बैठा था 10वीं की छात्रा को | Love story of naxalite Drop the gun and hand the girlfriend

लव स्टोरी नक्सली की! बंदूक छोड़ थामा प्रेमिका का हाथ, जानिए ​लाल गलियारे का खूंखार कैसे दिल दे बैठा था 10वीं की छात्रा को

लव स्टोरी नक्सली की! बंदूक छोड़ थामा प्रेमिका का हाथ, जानिए ​लाल गलियारे का खूंखार कैसे दिल दे बैठा था 10वीं की छात्रा को

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:32 PM IST, Published Date : March 12, 2021/3:27 pm IST

बलरामपुर: कहते हैं ये इश्क नही आसां, लेकिन जब ये इश्क आसां हो जाता है, तो कुछ की तस्वीर बदल जाती है तो कुछ की तकदीर बदल जाती है। बलरामपुर जिले के चलगली क्षेत्र के रहने वाले कुख्यात नक्सली की तकदीर और तस्वीर दोनों इश्क ने बदल दी। नक्सली कमांडर की क्या है ये प्रेम कहानी।

Read More: राजधानी सहित इन इलाकों में बारिश के साथ गिरे ओले, मौसम विभाग ने जताया था पूर्वानुमान

अपने पति की तस्वीर को निहारती ये है बिराजो बाई। इनकी मोहब्बत ने एक खूंखार नक्सली को बंदूक छोड़ इश्क करना सिखा दिया। बलरामपुर की ये प्रेम कहानी ऐसी है कि हर किसी को सुननी चाहिए। साल 2004 की बात है, जब बिराजो बाई 10वीं कक्षा में पढ़ती थी, उस वक्त उन्हें नक्सली कमांडर सीताराम घसिया से इश्क हो गया। अपने एहसास को शब्दों में पिरोकर बिराजो ने सीतराम को खत लिखकर हाल-ए-दिल बयां कर डाला, उसका जवाब भी आया, फिर दोनों की मुलाकात हुई। इश्क परवान चढ़ा और दोनों ने साथ रहने की कसमें खाईं, लेकिन बीच में आड़े आ रहा था सीताराम का नक्सली होना। ऐसे में बिरोज ने शर्त रखी या तो बंदूक थामो या मेरा हाथ। नक्सली कमांडर ने बिराजो का हाथ थामा और दोनों गांव से भागकर असम पहुंच गए।

Read More: स्कूल-कॉलेजों को 31 मार्च तक बंद करने का आदेश जारी, शादी और अंतिम संस्कार के कार्यक्रम के लिए भी निर्देश जारी

असम में दोनों खुशहाल जिंदगी बिता रहे थे, दो बच्चे भी हुए जो असम में ही पढ़ते हैं। फिर आया साल 2020 यानि कोरोना काल, इस दौरान सीताराम को अपने परिवार की याद आई। उसने अपने भाई श्रीराम को पत्र लिखा, जिसमें उसने अपना मोबाइल नंबर भी दिया था। पत्र मिलने के बाद भाई श्री राम को यकीन नहीं हुआ क्योंकि 15 साल बीच चुके थे, उसे लगा कोई मजाक कर रहा था। लेकिन उसने पत्र में लिखे नंबर पर फोन किया, दूसरी तरफ से भाई की आवाज सुनकर बेहद खुश हुआ।

Read More: अश्लील वीडियो बनाकर महिला ने डॉक्टर से मांगे 10 लाख रुपए, पहुंची सलाखों के पीछे

असम से अपने गांव पहुंचकर सीताराम ने पुलिस के सामने सरेंडर किया और अभी वो जेल में अपने पुराने गुनाहों की सजा काट रहा है। एसपी रामकृष्ण साहू ने भी कहा कि प्रेम ने एक नक्सली को समाज की मुख्य धारा से जोड़ दिया, इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है। वाकई में प्यार में बड़ी ताकत होती है, जो किसी भी इंसान की तस्वीर और तकदीर दोनों बदल सकती है।

Read More: मेकॉज का नाम बदले जाने पर भाजपा ने उठाए सवाल, कहा- आखिर कब तक उधार की राजनीतिक सांसों पर चलेगी सरकार?