केंद्र के फैसले से मनमोहन सिंह नाराज, महंगाई भत्ते पर रोक को बताया गैरजरुरी फैसला | Manmohan Singh angry with Center's decision, DA cuts out, says illegal decision

केंद्र के फैसले से मनमोहन सिंह नाराज, महंगाई भत्ते पर रोक को बताया गैरजरुरी फैसला

केंद्र के फैसले से मनमोहन सिंह नाराज, महंगाई भत्ते पर रोक को बताया गैरजरुरी फैसला

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:44 PM IST, Published Date : April 25, 2020/10:13 am IST

नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता रोकने के फैसले को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह गैरजरुरी करार दिया है। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि नहीं करने के सरकार के कदम की आलोचना करते हुए कहा है कि इस वक्त केंद्रीय कर्मियों एवं सैनिकों के लिए मुश्किल पैदा करना उचित नहीं है।

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कांग्रेस की ओर से जारी पार्टी के सलाहकार समूह की बैठक के वीडियो के मुताबिक सिंह ने यह भी कहा कि कांग्रेस को इस वक्त इन सरकारी कर्मचारियों और सैनिकों के साथ खड़े रहना है। सिंह हाल ही में गठित कांग्रेस सलाहकार समूह के अध्यक्ष हैं। इस समूह की बैठक एक दिन के अंतराल पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से होती है।

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केंद्र सरकार ने गुरुवार को 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनभोगियों को दिए जाने वाला महंगाई भत्ता रोकने का फैसला किया था। सरकार के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से सरकार पर पड़े आर्थिक बोझ के कारण ये फैसला लिया गया है. केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर ये रोक जून 2021 तक लागू रहेगी। इस कटौती की वजह से केंद्र और राज्य सरकार के खजाने को लगभग सवा लाख करोड़ रुपये की बचत होगी।

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कर्मचारियों को 17 की बजाए 21 फीसदी महंगाई भत्ता मिलने की उम्मीद थी। लेकिन अब सरकार ने इस बढ़ोतरी पर रोक लगा दी है। इसकी वजह से अब केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को करीब 18 महीने तक सिर्फ 17 फीसदी के हिसाब से महंगाई भत्ता मिलेगा।

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि एक तरफ तो सेंट्रेल विस्टा परियोजना पर पैसे खर्च हो रहे हैं और दूसरी तरफ मध्य वर्ग से पैसे लिए जा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि यह पैसा गरीबों को दिया जा रहा है। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी कहा कि सरकार को कर्मचारियों को भत्ते कम करने के बजाय सरकार को सेंट्रल विस्टा परियोजना और दूसरे गैरजरूरी खर्च रोकने चाहिए।