नई दिल्ली। बसपा सुप्रीमो मायावती पर आपत्तिजनक टिप्पणी करना भाजपा विधायक को भारी पड़ सकता है। बीजेपी महिला विधायक साधना सिंह का गेस्ट हाउस कांड को लेकर मायावती पर टिप्पणी करने से सियासत गरमाई गई है। यूपी के चंदौली जिले की मुगलसराय सीट से बीजेपी विधायक साधना सिंह ने गेस्ट हाउस कांड का जिक्र करते हुए कहा कि जिस समाजवादी पार्टी ने उनका चीर हरण किया उसी से गठबंधन कर उन्होंने नारी जाति को कलंकित किया है।
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इससे पहले साल 2016 में विधानसभा चुनावों के पहले बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह ने मायावती की तुलना वैश्या से की थी, जिसके बाद उन्हें जेल जाना पड़ा और पार्टी से निकाल दिया गया। हालांकि उनकी पत्नि स्वाति सिंह अब बीजेपी से विधायक और योगी सरकार में मंत्री भी हैं।
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साधना सिंह यहीं नहीं रुकीं उन्होंने बसपा सुप्रीमो के बारे में अमर्यादित बयान देते हुए कहा कि वह ना नर हैं और ना ही नारी हैं। बीजेपी की महिला विधायक के इस अमर्यादित बयान पर बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि बीजेपी विधायक ने हमारे पार्टी प्रमुख के लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, वह भाजपा के स्तर को दर्शाता है। सपा-बसपा गठबंधन की घोषणा के बाद बीजेपी नेताओं ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है और उन्हें आगरा या बरेली के मानसिक अस्पतालों में भर्ती कराया जाना चाहिए। बयान के बाद सवाल उठना लाजमी है कि लोकसभा चुनावों से पूर्व अपनी महिला विधायक की अभद्र टिप्पणी पर बीजेपी क्या कदम उठाती है?
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