जबलपुर । दुनिया के सबसे छोटे किले और विशालकाय शिलाओं के अद्भुत संतुलन के लिए विश्व में अलग पहचान रखने वाली मदन महल पहाड़ी को संवारने और लोगों को स्वच्छ प्राकृतिक वातावरण देने और प्रदूषण से बचाने के लिए जबलपुर नगर निगम ने कवायद शुरू कर दी है। अपनी इस कवायद के चलते नगर निगम ने मदन महल पहाड़ी को अतिक्रमण मुक्त कराने के बाद अब उसे सहेजने और विकसित करने के लिए ऑक्सीज़ोन बनाने सहित सिटी पार्क की तर्ज पर पार्क बनाने का फैसला किया है।
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इतना ही नही पहाड़ी को पर्यटन स्थल के साथ ही शहर की बढ़ती आबादी के मद्देनजर स्वच्छ साफ वातावरण मिल सकें इसके लिए लोगों को ध्यान में रखते हुए प्राकृतिक वातावरण देने 60 हजार पौधे रोपे जाएंगे। मदन महल पहाड़ी पर रोपे जाने वाले 60 हजार पौधों की बात करें तो नगर निगम मदन महल पहाड़ी में हिस्टोरिकल जोन, स्प्रिचुअल जोन कल्चरल एंड रिक्रिएशनल जोन, इकोलॉजिकल सेंक्चुरी जोन,फे सिलिटेशन,लिंकेज जोन और वाटर जोन में लगाएगा। इन पौधों को बचाने सहित बड़ा करने का जिम्मा एनजीओ और सामाजिक संगठनों को भी सौंपा जा रहा है, ताकि लोग पहाड़ी पर विकसित होने वाले पार्क को नुकसान न पहुंचा सकें।
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दरअसल जबलपुर की मदन महल पहाड़ी रानी दुर्गावती के शौर्य की निशानी समेटे ऐतिहासिक महत्व रखती है। इस पहाड़ी में कई वनस्पतियां और औषधियां भी मौजूद हैं। नगर निगम की ओर से तैयार किए गए मदन महल पहाड़ी के विकास के खाका में इन सभी बिंदुओं का ध्यान रखा गया है।
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जबलपुर नगर निगम के मुताबिक मदन महल पहाड़ी पर स्तिथ रानी दुर्गावती का किला, बैलेंसिंग रॉक, घोड़ों के अस्तबल और ऐतिहासिक महत्व के अन्य स्थलों को हिस्टोरिक जोन के रूप में विकसित किया जाएगा। धर्म और आध्यात्मिक महत्व से जुड़े प्राचीन शारदा मंदिर सहित आस-पास का क्षेत्र स्प्रिचुअल जोन के तौर पर विकसित होगा। पर्यटकों के मनोरंजन के लिए कल्चरल एंड रिक्रिएशनल जोन बनाए जाएंगे। मदन महल के किले से लेकर संग्राम सागर तालाब तक रोप वे का निर्माण भी कराया जाएगा, ताकि पर्यटक पहाड़ी की खूबसूरती को ऊपर से भी निहार सकें। इसके अलावा प्लान के मुताबिक नगर निगम जैव विविधता से जुड़े पहाड़ी के अलग-अलग क्षेत्रों का इकोलॉजिकल सेंक्चुरी जोन के रूप में भी विकास किया जाएगा।