पेट्रोल...महंगाई...सियासी लड़ाई...आखिर कब तक महंगाई की आग में झुलसती रहेगी आम जनता? | Petrol...inflation...political fight...how long will the public continue to burn in the fire of inflation?

पेट्रोल…महंगाई…सियासी लड़ाई…आखिर कब तक महंगाई की आग में झुलसती रहेगी आम जनता?

पेट्रोल...महंगाई...सियासी लड़ाई...आखिर कब तक महंगाई की आग में झुलसती रहेगी आम जनता?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:02 PM IST, Published Date : June 11, 2021/6:33 pm IST

भोपाल: कोरोना काल में एक बार फिर पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमत ने लोगों की जेब पर डाका पड़ा है। महंगाई की मार का असर है कि जरूरी सामानों के लिए भी उन्हें दोगुनी कीमतें अदा करनी पड़ रही है। चूंकि मामला सीधा जनता से जुड़ा है, लिहाजा सूबे की सियासत भी गर्माने लगी है। बढ़ती कीमतों के खिलाफ कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन किया। सड़क पर उतरी कांग्रेस ने महंगाई के लिये केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया, जिस पर बीजेपी ने भी पलटवार किया। कुल मिलाकर पेट्रोल-डीजल की लड़ाई अब सड़क पर आ गई है। एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप किए जा रहे हैं, लेकिन सवाल ये है कि जब कच्चे तेल की कीमत कम तो क्यों बढ़े दाम? आखिर कब तक महंगाई की आग में झुलसती रहेगी आम जनता?

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ये तस्वीरें प्रदेश के अलग अलग शहरों की है, जहां पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों को खिलाफ कांग्रेस ने हल्ला बोला। महंगाई को लेकर कांग्रेस 6 महीने के भीतर दूसरी बार सड़कों पर उतरी है। भोपाल में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और पीसी शर्मा की अगुवाई में कांग्रेसी ने राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन दिया। वहीं इंदौर में सज्जन सिंह वर्मा और जबलपुर में विधायक विनय सक्सेना के नेतृत्व में कांग्रेस सड़क पर उतरी। ग्वालियर में भी कांग्रेस ने प्रदर्शन करते हुए पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि के लिए केंद्र और राज्य सरकार की नीति पर सवाल उठाए।

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आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में एक जनवरी को पेट्रोल के दाम 91 रुपए 46 पैसे थे जबकि डीजल 81 रुपए 64 पैसे, जबकि 6 महीने बाद पेट्रोल की कीमत 11 जून को 104 रुपए 89 पैसे और डीजल के दाम 95 रुपए 35 हो गए हैं। प्रदेश के अनूपपुर की जनता को एक लीटर पेट्रोल के लिए 106.59 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं। वैसे पेट्रोल डीजल को लेकर सबसे ज्यादा वैट मध्यप्रदेश में ही लगता है।मध्यप्रदेश में डीजल पर 23 फीसदी वैट, 3 रुपए एडिशनल ड्यूटी के अलावा एक प्रतिशत प्रति लीटर सेस और 31 रुपए 83 पैसे एक्साइज ड्यूटी लगती है। जबकि पेट्रोल पर 33 फीसदी वैट के अलावा 4 रुपए 50 पैसे एडिशनल ड्यूटी। एक फीसदी प्रति लीटर सेस और 32 रुपए 98 पैसे एक्साइज ड्यूटी लगती है। बहरहाल कांग्रेस को उम्मीद है कि महंगाई के मुद्दे पर वो केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ माहौल बना सकती है। दूसरी ओर बीजेपी नेता भी जवाबी हमला करने में पीछे नहीं हैं।

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कुल मिलाकर कोरोना की दूसरी लहर से उबरने की कोशिश कर रही प्रदेश की जनता को अब महंगाई की आग से खुद को बचाने की सबसे बड़ी चुनौती होगी। वहीं महंगाई का मुद्दा कांग्रेस के लिए सियासी तौर पर संजीवनी बन गया है। पार्टी को मालूम है कि इसके जरिए आम आदमी तक पकड़ बनाई जा सकती है।

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