राम जन्मभूमि मामले की सुनवाई फिर टली, जस्टिस यूयू ललित बेंच से अलग हुए, 29 को अगली सुनवाई | Ram Janmabhoomi case hearing again, now 29 hearing next

राम जन्मभूमि मामले की सुनवाई फिर टली, जस्टिस यूयू ललित बेंच से अलग हुए, 29 को अगली सुनवाई

राम जन्मभूमि मामले की सुनवाई फिर टली, जस्टिस यूयू ललित बेंच से अलग हुए, 29 को अगली सुनवाई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:56 PM IST, Published Date : January 10, 2019/5:55 am IST

नई दिल्ली।  राम जम्मभूमि और विवादित ढांचा विवाद मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई एक बार फिर टल गई। नई बेंच अब मामले की सुनवाई 29 जनवरी को करेगा। मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन के द्वारा संविधान पीठ और जस्टिस यूयू ललित पर सवाल खड़े करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 29 जनवरी तक मामले को टाल दिया है। अब पांच जजों की पीठ में जस्टिस यूयू ललित शामिल नहीं होंगे, और नई बेंच का गठन किया जाएगा।

चर्चा के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि बेंच में शामिल जस्टिस यूयू ललित 1994 में कल्याण सिंह की ओर से कोर्ट में पेश हुए थे। हालांकि, इतना कहते ही उन्होंने तुरंत खेद भी जताया। जिसपर चीफ जस्टिस गोगोई ने उन्हें कहा कि वह खेद क्यों जता रहे है। आपने सिर्फ तथ्य को सामने रखा है।

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हालांकि, यूपी सरकार की हरीश साल्वे ने कहा कि जस्टिस यूयू ललित के पीठ में शामिल होने से उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन इस तरह का मामला उठाने के बाद जस्टिस यूयू ललित ने खुद को इस मसले से अलग कर लिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इस बारे में जानकारी दी।

राजीव धवन ने इसके अलावा संविधान पीठ पर भी सवाल उठा दिया, उन्होंने कहा कि ये मामला पहले 3 जजों की पीठ के पास था लेकिन अचानक 5 जजों की पीठ के सामने मामला गया जिसको लेकर कोई न्यायिक आदेश जारी नहीं किया गया. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान पीठ का गठन करना चीफ जस्टिस का अधिकार है।

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गौरतलब है सुप्रीम कोर्ट ने 4 जनवरी को तय किया था कि अयोध्या मामले की सुनवाई अब आज नई बेंच करेगी। इस पीठ का गठन 8 जनवरी को किया गया। पांच जजों की संविधान पीठ का प्रशासनिक आदेश तीन जजों के न्यायिक आदेश के विपरीत है, जिसमें मामले को पांच जजों को भेजने से इनकार कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट की पीठ अयोध्या विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में अयोध्या में 2.77 एकड़ के विवादित स्थल को इस विवाद के तीनों पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच बांटने का आदेश दिया था।

 
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