नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया गवर्नर उर्जित पटेल मंगलवार को संसदीय समिति के समक्ष पेश हुए। उन्होंने संसदीय समिति से कहा कि नोटबंदी का प्रभाव क्षणिक था। संसदीय समिति को वरिष्ट कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली लीड कर रहे थे, इसमें पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह भी शामिल थे।
आरबीआई गवर्नर ने कम कच्चे तेल की कीमतों पर कहा कि इनकी कम कीमतें अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर है। पटेल समिति के अन्य सभी सवालों का लिखित में उत्तर दस दिनों के भीतर देंगे। समिति ने पैनल ने मुख्य रूप से दो विषयों पर सरकार के साथ केंद्रीय बैंक के हालिया झुकाव पर प्रतिक्रिया मांगी थी। बता दें कि मनमोहन सिंह ने हाल ही में कहा था कि वित्त मंत्री और आरबीआई के बीच संबंध कम हो गए थे। उन्होंने नोटबंदी की उन्होंने कड़ी आलोचना की थी।
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गौरतलब है कि आरबीआई ने अपने वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि बैंकों में 15.3 लाख करोड़ रुपए प्रतिबंधित करेंसी लौट आए हैं। जो इस फैसले के बाद रद्द हुए नोटों का कुल 99 फीसदी है। मंगलवार को 31 संसदीय समिति ने पटेल के सामने अन्य मुद्दों को भी उठाया। इनमें सरकारी बैंकों के एनपीए की स्थिति के अलावा भारतीय अर्थव्यवस्था पर केंद्रित रहा।
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