सतना। मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र में आतंक का पर्याय बने डकैत बबली कोल और उसके एक साथी लवकेश की लाशें सतना के जंगल से बरामद की गई हैं। जिले की पुलिस ने डकैत बबली कोल और उसके साथी लवकेश को मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया है। सोमवार सुबह पुलिस ने सतना में लेदरी के जंगल से दोनों डाकुओं की लाशें बरामद की हैं। पुलिस ने बबली की गिरफ्तारी पर 7 लाख और लवकेश पर 1 लाख 80 हज़ार रुपए का इनाम घोषित किया था।
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रविवार देर रात बबली कोल के गैंगवार में मारे जाने की ख़बरें आईं थी। सबसे पहले ये बात सामने आई थी कि फिरौती की रकम बंटवारे पर गिरोह में झगड़ा हुआ और फिर गैंगवार में बबली को उसके साथी लाली कोल ने गोली मार दी। पुलिस ने अब नई थ्योरी पेश की है। पुलिस के मुताबिक बबली और उसके साथी को उसने मुठभेड़ में मार गिराया है। पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान 35 राउंड फायर किए जाने का दावा किया है। पुलिस ने बताया कि डकैतों की ओर से 16 राउंड गोली चलायी गईं हैं।
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हत्या-अपहरण के लिए कुख्यात- बबली कोल गिरोह पूरे विंध्य इलाके में अपहरण और हत्या के लिए कुख्यात था। हाल ही में उसने एक किसान अवधेश समदड़िया का उसके घर से ही अपहरण किया था और फिरौती में 50 लाख रुपए मांगे थे। तमाम घेराबंदी के बाद भी मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की पुलिस मिलकर भी उसे पकड़ नहीं पायी थी। बाद में किसान के परिवार ने 5-6 लाख की फिरौती देकर उसे मुक्त कराया था। फिरौती की रकम बंटवारे पर झगड़ा पहले ख़बर आयी थी कि फिरौती की उसी रकम के बंटवारे को लेकर गिरोह में झगड़ा हुआ था। बबली कोल की गिरफ्तारी पर सात लाख रुपए का इनाम घोषित था। सतना के साथ यूपी में भी बबली कोल गैंग का आतंक था। उसके मारे जाने की खबर के बाद पुलिस मुख्यालय सतना पुलिस अधिकारियों के संपर्क में है।
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बबली कोल कैसे बना दस्यु
मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की पुलिस को खुली चुनौती देने वाला बबली कोल यूपी के मानिकपुर के पास एक गांव का रहने वाला है। 2006 में पुलिस ने डकैतों के मदद के आरोप में उसे गिरफ्तार किया था। छह माह की सजा काटने के बाद बबली कोल खुद डाकू बन गया था। 2007 में मानिकपुर रेलवे स्टेशन के पास कामायनी एक्प्रेस ट्रेन में पहली डकैती डाली थी। विरोध करने पर एक विदेशी रशियन महिला की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसके बाद बबली कोल ने दो राज्यों के आधा दर्जन जिलों में दहशत फैला रखी थी। बबली कोल के खिलाफ डेढ़ दर्जन हत्या सहित दो दर्जन से ज्यादा अपहरण की वारदातें दर्ज की गई थी। डकैत बबली कोल ने किसी का अपहरण किया, तो उसे बिना फिरौती लिए नहीं छोड़ा। वह इसके लिए कुख्यात था। पिछले हफ्ते ही बबली कोल गिरोह के चंगुल से छूटे किसान अवधेश समदड़िया के मुताबिक फिलहाल बबली गैंग में 15 से ज्यादा सदस्य हैं।
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