हाईपावर कमेटी पर शिक्षाकर्मियों की निगाहें, महासंघ पर उठे सवाल, आचार संहिता तक टालमटोल की आशंका | Shikshakarmi News:

हाईपावर कमेटी पर शिक्षाकर्मियों की निगाहें, महासंघ पर उठे सवाल, आचार संहिता तक टालमटोल की आशंका

हाईपावर कमेटी पर शिक्षाकर्मियों की निगाहें, महासंघ पर उठे सवाल, आचार संहिता तक टालमटोल की आशंका

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:09 PM IST, Published Date : April 30, 2018/7:56 am IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ में संविलियन की बाट जोह रहे शिक्षाकर्मियों की नजरें 1 मई को होने वाली हाईवापर कमेटी की मीटिंग पर टिकी है। मोर्चा का कहना है कि सरकार संविलियन के लिए तैयार है तो उसे एक मई को इसकी घोषणा कर देनी चाहिए। उधर, शिक्षाकर्मी मोर्चा ने शिक्षक महासंघ की भूमिका पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि ऐसा संगठन जिसका हाल ही में गठन हुआ है और की आंदोलन नहीं किया, ऐसे में वो महासम्मेलन आयोजित करने जा रहा है। मोर्चा का आरोप है कि यह सरासर उनकी मांगों पर टालमटोल करने की रणनीति है। 

 शिक्षक पँचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रान्तीय संचालक विरेंद्र दुबे ने कहा कि प्रदेश के शिक्षाकर्मी इस बात से अचंभित हैं कि एक नवगठित संघ ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद बाहर आकर यह ऐलान करते हैं कि 15 जून के आसपास सम्मेलन करेंगे। जिसमें मुख्यमंत्री संविलियन सहित अन्य मुद्दों पर शिक्षाकर्मियों के हित में घोषणा करेंगे। जबकि सरकार की ओर से इस संबंध में स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। 

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उन्होंने कहा कि जिस सम्मेलन की बात आ रही है वह आज से डेढ़ महीने बाद जून के होगा। उसके बाद आदेश के लिए और 15 से 20 दिन का इंतजार करना होगा। सरकार पहले ही 5 महीना का समय लगा चुकी है। अगर महासम्मेलन में घोषणा की बात को सही मान भी लिया जाए, तो दो महीने का और समय लगेगा।

 शिक्षाकर्मी इस से संशकित हैं कि कहीं यह टालमटोल आचार संहिता तक खींचने के लिए तो नहीं है। उन्होंने आशंका जताई कि ऐसा करके उनको ठगने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में तथाकथित संघ द्वारा 15 जून के आसपास सम्मेलन और घोषणा का दावा करना शिक्षाकर्मियों के आक्रोश को बढ़ाने जैसा है। शिक्षाकर्मी  महासंघ की मुलाकात को संदेह की नजर से देख रहे हैं। 

विरेंद्र दुबे ने कहा कि यदि सरकार शिक्षाकर्मियों का हित चाहती है और संविलियन की घोषणा करने वाली है तो 1 मई को ही इसकी घोषणा करनी चाहिए। संविलियन 1 लाख 80 हजार शिक्षाकर्मियों की सार्वभौमिक मांग है। यह सभी समस्याओं व मांगो का स्थायी समाधान भी है। 

शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रांतीय महासचिव और प्रान्तीय उप संचालक मोर्चा धर्मेश शर्मा ने कहा कि वर्तमान में संविलियन और सम्मेलन को लेकर व्यापक चर्चा है, जबकि प्रदेश के प्रत्येक शिक्षाकर्मियों के लिए संविलियन ही सर्वाधिक महत्वपूर्ण  तथा प्रासंगिक है। संविलियन होने पर ही किसी सम्मेलन की प्रासंगिकता होगी, वैसे भी पूर्व में हुए सम्मेलनों की उपादेयता पर आज भी प्रश्न चिन्ह है ,इसलिए कल की बैठक निर्णायक और अंतिम होना चाहिए।”

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मोर्चा के उपसंचालक जितेन्द्र शर्मा ने भी संविलियन को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा कि 1 मई को संविलियन की घोषणा के साथ आदेश भी जारी होना चाहिए। इसके बाद महासम्मेलन की बात होनी चाहिए।

वेब डेस्क,  IBC24

 
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