सुप्रीम कोर्ट ने 10 साल बाद बदला अपना ही सजा-ए-मौत का फैसला, कहा- हुई थी गंभीर चूक | Supreme court Refuse his judgement after 10 year

सुप्रीम कोर्ट ने 10 साल बाद बदला अपना ही सजा-ए-मौत का फैसला, कहा- हुई थी गंभीर चूक

सुप्रीम कोर्ट ने 10 साल बाद बदला अपना ही सजा-ए-मौत का फैसला, कहा- हुई थी गंभीर चूक

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:07 PM IST, Published Date : March 5, 2019/5:20 pm IST

नई दिल्ली: सु्प्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने ही फैसले को 10 साल बाद बदल दिया है साथ ही कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को सजा काट चुके लोगों को पांच लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश भी दिया है। बता दें कि 2006 में हुए गैंगरेप और एक नाबालिग बच्चे सहित पांच लोगों की हत्या के मामले में कोर्ट ने 6 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने एक गवाह ने चार अन्य लोगों को पहचाना था लेकिन उनकी कभी जांच नहीं हुई। यह एक गंभीर चूक है। ऐसा हवाला देते हुए यह फैसला सुनाया है। फैसला जस्टिस एके सीकरी ने अपने रिटायरमेंट से दो दिन पहले सुनाया है।

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गौरतलब है कि मामले में ट्रायल कोर्ट ने सभी दोषियों को सजा-ए-मौत सुनाई थी। वहीं, मुंबई हाई​कोर्ट ने तीन को मौत की सजा बरकरार रखी और तीन को उम्रकैद दी थी। इसके बाद 2009 में प्रीम कोर्ट के जस्टिस अरिजीत पसायत और जस्टिस मुकुंदकम शर्मा की बेंच ने सुनवाई करते हुए सभी दोषियों को फांसी की अनुमति दे दी थी। इसके बाद 2010 से रिव्यू याचिका पर कई बार अलग-अलग जजों की बेंच ने सुनवाई की गई।

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मामले में कोर्ट ने अंकुश मारुति शिंदे, राज्य अप्पा शिंदे, बापू अप्पा शिंदे, अंबादास लक्ष्मण शिंदे, राजू महासू शिंदे और सूर्या उर्फ को गैंगरेप और एक नाबालिग बच्चे सहित पांच लोगों की हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाया था।