सिस्टम के सितम ने आंखे छीन ली, कल तक जिन आंखों ने रंगीन दुनिया देखी, आज इन आंखों में रोशनी नहीं, जानिए | System's eyes snatch the eyes, till tomorrow the eyes that saw the colorful world, today these eyes have no light, know

सिस्टम के सितम ने आंखे छीन ली, कल तक जिन आंखों ने रंगीन दुनिया देखी, आज इन आंखों में रोशनी नहीं, जानिए

सिस्टम के सितम ने आंखे छीन ली, कल तक जिन आंखों ने रंगीन दुनिया देखी, आज इन आंखों में रोशनी नहीं, जानिए

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:00 PM IST, Published Date : August 18, 2019/2:07 am IST

इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में 9 साल बाद एक बार फिर मरीजों की आंखों के साथ खिलवाड़ हुआ है। हद तो ये हो गई कि जिस अस्पताल की लापरवाही से 9 साल पहले 18 लोगों की आंख की रोशनी गई उसी अस्पताल में ये लापरवाही दोहराई गई है। सवाल ये कि क्या 9 साल पहले कार्रवाई का ढोंग रचा गया था। ताकि एक बार फिर मरीजों की आंखे छिन जाए। मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद 11 मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई। इस घटना के बाद से हड़कंप मचा है।

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सिस्टम के सितम ने आंखे छीन ली, बिन रोशनी के रोती आंखे और दर्द भरी इस आवाज मध्यप्रदेश में एक बार स्वास्थ्य व्यवस्था का कलंक उजागर कर रही है। ये मरीज इंदौर के आईकेयर अस्पताल में पिछले 10 दिनों से भर्ती हैं। 8 अगस्त को विश्व अंधत्व निवारण दिवस पर यहां लगे शिविर में इनका मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ। लेकिन ऑपरेशन के बाद आंखे ही चली गई। अस्पताल प्रबंधन लीपापोती में जुटा हुआ है तो वहीं प्रशासन कार्रवाई का ढिंढोरा पीट रहा है।

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प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के गृह जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की ऐसी किरकिरी हुई तो मंत्री तुरंत एक्शन में आए। मरीजों को 20 हजार तुरंत आर्थिक मदद का ऐलान किया गया। इधर विपक्ष ने इस मामले में सरकारी तंत्र पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।

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वहीं डाक्टर्स का कहना है कि संक्रमण के चलते गई आंखों की रोशनी वक्त के साथ लौट आएगी। लेकिन ये वक्त बड़ा कठिन है, सिर्फ इन मरीजों के लिए ही नहीं बल्कि सरकार के लिए भी, क्योंकि 9 साल बाद एक बार फिर इस अस्पताल की लापरवाही ने सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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