Funding after train Blast : ट्रेन में ब्लास्ट के बाद आतंकियों को मिलते करोड़ों, पाकिस्तान और लश्कर के जरिए फंडिंग.. ऐसे मिला NIA को सुराग | Terrorists Funding after train Blast : Terrorists get crores after train blast, funding through Pakistan and Lashkar

Funding after train Blast : ट्रेन में ब्लास्ट के बाद आतंकियों को मिलते करोड़ों, पाकिस्तान और लश्कर के जरिए फंडिंग.. ऐसे मिला NIA को सुराग

Funding after train Blast : ट्रेन में ब्लास्ट के बाद आतंकियों को मिलते करोड़ों, पाकिस्तान और लश्कर के जरिए फंडिंग.. ऐसे मिला NIA को सुराग

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:48 PM IST, Published Date : July 4, 2021/7:57 am IST

Funding after train Blast 

दरभंगा, बिहार। ANI ने दरभंगा ब्लास्ट के मास्टरमाइंड कैराना सलीम पूछताछ कर रही है। उसकी पाकिस्तान में बैठे आईएसआई से रोजाना बातचीत होती थी।  पूछताछ में पता चला है कि आईएसआई से सारी फंडिंग सलीम के माध्यम से हुई है।

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सलीम जिस-जिस को पैसा भेजने की बात कहता था, आईएसआई उनको ही पैसा देती थी। दरभंगा ब्लास्ट में करोड़ों रुपये की फंडिंग होने का अंदेशा है। इस मामले की सुरक्षा एजेंसियां जांच करने में लगी हुई है। जांच टीम ने सलीम के बैंक खातों के बारे में ब्योरा मांगा है।

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ऐसा माना जा रहा है कि एनआइए के सामने घटना की पूरी पटकथा साफ हो गयी है। देश में इस वारदात में शामिल चारों मुख्य आरोपित अब एनआइए की जद में हैं। लेकिन, अब एनआइए के जांच का एक पक्ष यह है कि आखिर घटना को अंजाम देने के लिए कहां से पैसा आया था? अगर हवाला कारोबार के आतंक के लिए फंडिंग की जा रही थी तो इसके पीछे कौन हैं? विदेशी फंडिंग भी इसमें शामिल हो सकती है। हालांकि सूत्रों की मानें तो ब्लास्ट से पूर्व करीब 1।5 लाख तक दोनों भाइयों को पैसा मिल गया था। ब्लास्ट के बाद करोड़ों की डील थी।

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शामली के कैराना निवासी सलीम और कासिम को पकड़कर एनआईए की टीम अपने साथ ले गई थी। दोनों का कनेक्शन पाकिस्तान से जुड़ा है और उनकी बिहार के दरभंगा ब्लास्ट के मामले में महत्वपूर्ण भूमिका थी। एनआईए ने पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों से काफी जानकारी जुटाकर तेलंगाना के दो युवक इमरान और नावेद को भी पकड़ा। 

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पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दरभंगा ब्लास्ट का मास्टरमाइंड सलीम था और उसने बड़ी प्लानिंग करके वारदात को अंजाम दिलाया। उसके पास एक साधारण मोबाइल है, जिसमें इंटरनेट नहीं चलता। व्हाट्सएप, फेसबुक और इंस्ट्राग्राम पर मैसेज भेजने के लिए सलीम ने सबसे पहले अपने दोस्त कासिम को जोड़ा। सलीम ही आईएसआई से फोन पर बात करता था, अगर कोई मैसेज भेजना होता था तो कासिम के मोबाइल से भेजा जाता था।

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17 जून को दरभंगा ब्लास्ट से पहले भी सलीम ने एक मैसेज आईएसआई को भेजा था। यह कपड़ों की पोटली का था। जांच में सामने आया कि तेलंगाना के दोनों युवक मूल रूप से कैराना के निवासी है। इनसे सलीम जुड़ा हुआ था। सलीम ने तेलंगाना के युवकों से फोन पर बातचीत की और फिर वारदात को अंजाम दिया।

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दरभंगा ब्लास्ट के मामले में कैराना के युवकों की गिरफ्तारी के बाद एनआईए की टीम ने पश्चिमी यूपी के जिलों में डेरा डाल दिया है। मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली व सहारनपुर में भी एनआईए जांच कर रही है। बताया गया है कि आरोपियों ने कई जानकारियां दी हैं।