भिलाई । शहर के इंजीनियरिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स ने कुछ अनोखा कर दिखाया है । इंजीनियरिंग छात्रों ने ऐसी डिवाइस तैयार की है जिसे बाइक और कार में लगाकर गाड़ियों की चोरी और दुर्घटना से बचाया जा सकेगा । आजकल जहां गाड़ियों की चोरी की घटनाएं बढ़ी हैं वहीं रोड एक्सीडेंट्स में इजाफा हो रहा है। इस मुश्किल दौर में आपको स्माई राइडिंग की ओर बढ़ना होगा,ऐसा ही कुछ विचार करके छात्रों ने नई तकनीक ईजाद की है । ज्ञानेंद्र साहू और उनकी टीम ने मिलकर एक ऐसा ऐप तैयार किया जिससे बाइक में जीपीएस डिवाइस सेट लगाकर कनेक्ट कर दिया जाता है । ऐप में अकाउंट बनाकर गाड़ी के ऑनर का नाम और नम्बर उनके रिश्तेदारों के नाम और नम्बर, इमरजेंसी नंबर भी फीड किया जा सकता है ।
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ऐप की खासियत है कि यह बाइक का लोकेशन, बाइक में ओवर वेट,पेट्रोल आसपास का टेम्परेचर भी बचा देता है। छात्रों ने एक ऐसी किट भी तैयार की है जिसे गाड़ी में लगाने पर किसी एक्सीडेंट या डैमेज होने पर तुरन्त मैसेज और लोकेशन फीड किए नंबर पर सेंड हो जाता है। इस ग्रुप में काम रही अदिति बनर्जी के मुताबिक इसमें क्रैश डिटेक्शन सिस्टम लगाया गया है , जिससे रिलेटिव्स के नम्बर पर मैसेजेस और लोकेशन चला जाता है। साथ ही इसमें वर्चुअल की लगाई गई है, यानी ऐसी चाबी जो आपके मोबाइल ऐप में होगी, आपकी गाड़ी कहीं भी हो आप इसे मोबाइल ऐप के जरिये बन्द या चालू या लॉक भी कर सकते है । समय के साथ साथ इसे इंटीग्रेट किया जा सकता है गाड़ियों की चोरी और और दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।
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इस ऐप और डिवाइस के बनाने के पीछे भी एक कहानी जुड़ी हुई है । भिलाई के शंकराचार्य इंजीनियरिंग कालेज में पढ़ने वाले ज्ञानेन्द्र अपनी बाइक से अपने गांव जा रहे थे, अचानक उनकी बाइक एक कार से टकराई और उनका एक्सीडेंट हो गया, जिसके बाद उन्हें कोई प्राथमिक उपचार नहीं मिला। इस एक्सीडेंट के बाद ज्ञानेंद्र ने ठान लिया कि जो उनके साथ हुआ वो किसी और के साथ न हो, उसके दिमाग में ऐसे डिवाइस को तैयार करने की तैयारी शुरू की । ज्ञानेंद्र के साथ अदिति बनर्जी और अभिषेक विश्वकर्मा ने इस ऐप और डिवाइस को डेव्हलप किया । अपनी इस सफलता से इंजीनियरिंग के छात्रों की ये टीम बेहद खुश है।