रेलवे के टिकटिंग सिस्टम में होगा बड़ा बदलाव, स्पर्श रहित और क्यूआर कोड वाले होंगे | There will be major changes in railway ticketing system

रेलवे के टिकटिंग सिस्टम में होगा बड़ा बदलाव, स्पर्श रहित और क्यूआर कोड वाले होंगे

रेलवे के टिकटिंग सिस्टम में होगा बड़ा बदलाव, स्पर्श रहित और क्यूआर कोड वाले होंगे

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:46 PM IST, Published Date : July 24, 2020/5:45 am IST

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे टिकटों में बड़ी बदलाव करने वाली है। आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस आधारित सिस्टम तैयार किया जा रहा है और स्पर्श रहित चेकिंग के लिए क्यूआर कोड आधारित टिकट प्रणाली लाई जा रही है।

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रेलवे के मुताबिक आरक्षित, अनारक्षित एवं प्लेटफार्म, हर प्रकार के टिकट क्यूआर कोड वाले जारी किये जाएंगे ताकि स्पर्श रहित (कांटेक्ट लेस) टिकट चेकिंग सिस्टम की शुरुआत की जा सके। इसमें टीटीई यात्री के टिकट को हाथ में लेकर चेक करने की बजाय अपने मोबाइल फोन अथवा हैंडहेल्ड मशीन से स्कैन करके क्यूआर कोड के जरिए यात्री का पूरा ब्यौरा चेक कर सकेगा। ऑनलाइन टिकटों में क्यूआर कोड स्वत: सृजित होंगे और आरक्षण केंद्रों से टिकट बनवाने पर यात्रियों के मोबाइल पर एक लिंक आएगा, जिसे खोलने पर क्यूआर कोड नजर आएगा।

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आरक्षण की पीआरएस प्रणाली में भी बदलाव किया जा रहा है। वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस के आधार पर टिकट आरक्षण व्यवस्था होगी जिससे लोगों को अधिक से अधिक कन्फर्म टिकट मिल सकेंगे। आरक्षण की संभाव्यता के बारे में भी पता लग सकेगा।

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बदलाव होने के बाद किस ट्रेन में कितनी वेटिंग है और किस ट्रेन में कौन-कौन से क्लास में आरक्षण उपलब्ध है, यात्री बड़े आसानी से देख सकेंगे। इसी तरह आईआरसीटीसी के जरिए बन रहे ऑनलाइन टिकटिंग को भी और ज्यादा सरल बनाने की तैयारी की जा रही है। इसमें संबंधित स्टेशन का नाम डालते ही सभी गाडिय़ां और किस ट्रेन में सीट उपलब्ध है, उसका पूरा ब्यौरा सामने आ जाएगा। सरल होने के बाद यात्री आराम से टिकट बना सकेगा।

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रेलवे अब तक नौ क्षेत्रीय भाषाओं में टिकट जारी करना शुरू कर चुकी है। जल्द ही अन्य सभी भाषाओं में भी यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी। ट्रेन के चालकों को भी आटोमेटिक मोबाइल एप से जोड़ा जाएगा ताकि वे कांटेक्ट लेस ढंग से ड्यूटी ज्वाइन कर सकें और ड्यूटी से खाली होने हो सकेंगे। इसके अलावा मोबाइल एप के माध्यम से वह किसी भी असामान्य तकनीकी अथवा मानवीय गतिविधि के बारे में सूचित कर सकेंगे। इससे सुरक्षा और रेल संरक्षा को सही करने में मदद मिलेगी। इसके लिए नया साफ्टवेयर इजाद किया गया है।