समय बदला तो अपने ही रुख से पलट गई 'टाइम' मैगजीन, मोदी को पहले बताया था 'तोड़ने वाला' अब बताया 'जोड़ने वाला' | 'Time Magazine' turned out of its own stance

समय बदला तो अपने ही रुख से पलट गई ‘टाइम’ मैगजीन, मोदी को पहले बताया था ‘तोड़ने वाला’ अब बताया ‘जोड़ने वाला’

समय बदला तो अपने ही रुख से पलट गई 'टाइम' मैगजीन, मोदी को पहले बताया था 'तोड़ने वाला' अब बताया 'जोड़ने वाला'

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:48 PM IST, Published Date : May 29, 2019/7:06 am IST

नई दिल्ली। समय बड़ा बलवान होता है, कल तक जिसके बारे में लोग विरोधी बयानवाजी कर रहे थे,आज सत्ता में लौटते ही उसकी प्रशंसा में जुट गए हैं। लोकसभा चुनाव 2019 के प्रचार के दौरान अमेरिका की ‘टाइम’ मैगजीन ने अपने मुख्य पृष्ठ पर पीएम नरेंद्र मोदी को ‘डिवाइडर इन चीफ’ यानी ‘तोड़ने वाला मुखिया’ बताया था। लेकिन पीएम मोदी के दोबारा शपथ लेने से पहले टाइम मैगजीन के सुर बदल गए हैं। अब ”टाइम” पीएम मोदी ‘डिवाइडर’ नहीं बल्कि भारत को जोड़ने वाले नेता बता रही है। दरअसल टाइम मैगजीन की वेबसाइट पर पीएम मोदी के चुनाव प्रचार टीम का हिस्सा रह चुके मनोज लाडवा के लेख को जगह दी गई है।

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28 मई को टाइम की वेबसाइट पर छपे इस आर्टिकल की हेडिंग 10 मई के मैगजीन के मुख पृष्ठ की हेडिंग से बिल्कुल उलट है। नए लेख का शीर्षक है- ‘मोदी हैज यूनाइटेड इंडिया लाइक नो प्राइम मिनिस्टर इन डेकेड्स’ यानी ‘मोदी ने भारत को इस तरह एकजुट किया है जितना दशकों में किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया’।

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लोकसभा चुनाव से पहले टाइम मैग्जीन ने पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में लेख प्रकाशित किया था। जिसके अनुसार भारत में मोदी के खिलाफ कोई बेहतर विकल्प नहीं है। भारत की आबादी उन्हें एक ऐसे शख्स के रूप में देखती है जो देश में विभाजन करने का काम करता है।

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अपने लेख में टाइम मैग्जीन ने 1947 के उस इतिहास का उल्लेख किया था जब भारत को आजादी मिली थी और ये बताया था कि किस तरह पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू ने विभिन्न धर्मो को लेकर सरकार का तानाबाना बुना था । लेख में इस बात पर जोर दिया गया था कि धर्म का राज्य की नीतियों में हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। लेकिन बदलते हुए समय के साथ कांग्रेस ने धर्म निरपक्षता के मुकाबले वंशवाद को प्रश्रय दिया । चुनाव परिणाम घोषित होते ही टाइम मैग्जीन ने 180 डिग्री का टर्न लिया है।

 
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