इतिहास में आज, बागमती नदी में समा गई थी चलती ट्रेन, सैकड़ों लोगों की आज तक लाश भी नहीं मिली | Today in history, the moving train was engulfed in the Bagmati river

इतिहास में आज, बागमती नदी में समा गई थी चलती ट्रेन, सैकड़ों लोगों की आज तक लाश भी नहीं मिली

इतिहास में आज, बागमती नदी में समा गई थी चलती ट्रेन, सैकड़ों लोगों की आज तक लाश भी नहीं मिली

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:44 PM IST, Published Date : June 6, 2021/10:24 am IST

नई दिल्ली। 6 जून के नाम देश दुनिया में कई ऐसी घनटाएं हैं जो इतिहास में दर्ज हो गई हैं। 6 जून 1981 को बिहार के मानसी स्टेशन से एक ट्रेन सहरसा जा रही थी। ट्रेन में 1 हजार से ज्यादा लोग सवार थे। रास्ते में बारिश होने लगी तो यात्रियों ने खिड़की-दरवाजे बंद कर लिए और ट्रेन के अंदर ही सफर खत्म होने का इंतजार करने लगे। ट्रेन बागमती नदी के पुल से गुजर रही थी तभी अचानक से एक झटका लगा। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता ट्रेन के 7 डिब्बे पुल से नदी में जा गिरे।

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हादसे में कितने लोग मरे इसका भी कोई सटीक आंकड़ा नहीं है। रेलवे ने बताया कि 500 लोगों की मौत हुई है। बाद में मरने वालों की संख्या 1 से 3 हजार बताई गई। विशेषज्ञों का मानना है कि चूंकि ये ट्रेन पैसेंजर थी, इसलिए ट्रेन में यात्री भी ज्यादा सवार थे। यानी मरने वालों का आंकड़ा भी ज्यादा ही होगा। हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। गोताखोरों की मदद से 286 लाशें ही नदी में से बाहर आ पाईं। सैकड़ों लोगों की लाश का आज तक कोई पता नहीं चला।

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टी-शर्ट, शर्ट, कुर्ता और लगभग सभी तरह के कपड़ों के साथ पहने जाने वाली जींस का इतिहास भी आज ही के दिन से जुड़ा है। 1850 में लीवाई स्ट्रॉस ने आज ही के दिन पहली जींस बनाई थी। स्ट्रॉस 1847 में जर्मनी से न्यूयॉर्क आए थे। न्यूयॉर्क में स्ट्रॉस के बड़े भाइयों का कपड़े का कारोबार था। स्ट्रॉस उन्हीं के कारोबार में हाथ बंटाने लगे।

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1853 में स्ट्रॉस गोल्ड माइनिंग के क्षेत्र में काम करने के लिए सैन फ्रांसिस्को चले गए। वहां जाकर स्ट्रॉस कपड़े बेचने का कारोबार करने लगे और अपनी दुकान को नाम दिया – लीवाई स्ट्रॉस एंड कंपनी।

2017: मंदसौर गोलीकांड को 4 साल

6 जून 2017। मध्य प्रदेश के किसान इस दिन को काले दिन के तौर पर याद करते हैं। अफीम की खेती के लिए मशहूर मंदसौर में पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर फायरिंग कर दी थी, जिसमें 6 किसानों की मौत हो गई। पूरे देश में ये घटना मंदसौर गोलीकांड के नाम से जानी जाती है।

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उस समय पूरे मध्यप्रदेश में किसान जगह-जगह अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर थे। किसानों के एजेंडे में कर्जमाफी, समर्थन मूल्य पर खरीदी जैसी 20 सूत्री मांगें शामिल थीं। सड़कों पर दूध बहाया जा रहा था, फल-सब्जियां फेंकी जा रही थीं। इसी दौरान मंदसौर के पिपलिया मंडी चौपाटी पर किसान और पुलिस आमने-सामने आ गए। पुलिस ने फायरिंग की जिसमें 5 किसानों की मौके पर ही मौत हो गई। एक किसान ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

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माना जाता है कि किसानों पर हुई इस कार्रवाई से पूरे राज्य के किसान शिवराज सरकार के खिलाफ हो गए थे, जिसका नतीजा ये हुआ कि अगले ही साल विधानसभा चुनावों में भाजपा हार गई।

6 जून के दिन को और किन-किन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं की वजह से याद किया जाता है…

2004: अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन का निधन हुआ।

2004: राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने तमिल भाषा को क्लासिक भाषा का दर्जा दिया।

2002: इजराइली सेना ने फिलिस्तीनी नेता यासिर अराफात के मुख्यालय पर हमला किया।

1999: लिएंडर पेस और महेश भूपति की जोड़ी ने टेनिस का ग्रैंड स्लैम जीता।

1882: न्यूयॉर्क के हेनली सिली ने इलेक्ट्रिक प्रेस के लिए पेटेंट हासिल किया।

1674: रायगढ़ के किले में शिवाजी का राज्याभिषेक हुआ।

1596: सिखों के छठे गुरु हरगोविंद जी का जन्म हुआ।