रायपुर। आप जिन सब्जियों को सेहत का खजाना मानकर खा रहे हैं कहीं वो आपकी सेहत तो नहीं बिगाड़ रहा है…ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि कि फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथ़ॉरिटी ऑफ इंडिया के सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है..जिसमें ये बात सामने आई है कि देश में उगाई और बनाई जा रही करीब 9 फीसदी सब्जियों में लेड और कैडमियम जैसे हैवी मेटल्स की मात्रा, तय मात्रा से 2 से तीन गुना तक ज्यादा है।
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इनमें सबसे खतरनाक स्थिति मध्यप्रदेश की है…जहां सब्जियों के 25 फीसदी नमूनों में हैवी मेटल्स की घातक मात्रा पाई गई है। वहीं छत्तीसगढ़ में 13.6 फीसदी नमूनों में ये बात सामने आई है। आपको आसान भाषा में आगाह करें तो लेड और कैडमियम की घातक मात्रा आपको किडनी और किडनी की गंभीर बीमारियां दे सकती हैं। गंदे पानी और कीटनाशकों के ज्यादा इस्तेमाल ने इन सब्जियों जहरीला बना दिया है।
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FSSAI की रिपोर्ट में इन चीजों का खुलासा हुआ है —
– देश में उपजाई और बेची जा रही 9.21% सब्जियों में लेड और कैडमियम
– 9.21% सब्जियों में तय सीमा से हैवी मात्रा में लेड और कैडमियन
– देश को पांच जोन में बांटकर किया गया अध्ययन
– पत्ते वाली, फल वाली और जमीन के अंदर होने वाली सब्जियों की जांच
– तीन किस्म की सब्जियों के 3323 नमूनों की जांच
– सब्जियों के 306 नमूने यानि 9.21% फेल
– मध्यप्रदेश में सबसे खतरनाक स्थिति
– MP में सब्जियों के 25% नमूनों में हैवी मेटल्स की घातक मात्रा
– MP में टमाटर में तय सीमा से 6 गुना ज्यादा लेड
– MP में भिंडी में तय सीमा से 10 गुना ज्यादा लेड
– भोपाल, इंदौर, सतना और जबलपुर से लिए गए थे 260 नमूने
– छत्तीसगढ़ में 13.6% नमूने जांच में फेल
कहां से आया सब्जी में जहर?
– कीटनाशकों के ज्यादा इस्तेमाल का नतीजा
– गंदे पानी से खेती का नतीजा
– मिट्टी प्रदूषण का नतीजा
कितनी प्रतिशत सब्जियां हुई फेल यहां देखिए
मध्यप्रदेश 25.4%
छत्तीसगढ़ 13.6%
बिहार 10.6%
गुजरात 8.7%
चंडीगढ़ 8.2%
महाराष्ट्र 6.9%
राजस्थान 6.1%
पंजाब 5.5%
दिल्ली 2.4%
हरियाणा 1.6%
लेड से कितना नुकसान?
– लेड मानव शरीर के हर हिस्से पर असर करता है
– 100 मिली ब्लड में लेड की मात्रा 10 माइक्रोग्राम से ज्यादा होने पर खतरा
– लेड की ज्यादा मात्रा किडनी को पहुंचाती है नुकसान
– लेड का बुरा असर गर्भ में बच्चों पर भी पड़ता है