घर की छत पर गमले में हो रहा सब्जी का उत्पादन, कृषि विज्ञान केंद्र के इस मॉडल को समझने पहुंच रहे ग्रामीण | Villagers reaching to understand this model of Krishi Vigyan Kendra, the production of vegetable is being done in the pot on the roof of the house

घर की छत पर गमले में हो रहा सब्जी का उत्पादन, कृषि विज्ञान केंद्र के इस मॉडल को समझने पहुंच रहे ग्रामीण

घर की छत पर गमले में हो रहा सब्जी का उत्पादन, कृषि विज्ञान केंद्र के इस मॉडल को समझने पहुंच रहे ग्रामीण

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:47 PM IST, Published Date : February 13, 2021/10:03 am IST

उमरिया: कृषि विज्ञान केंद्र उमरिया द्वारा खान पान में विभिन्नता एवं पौष्टिक हरी जैविक सब्जी के रोजाना इस्तेमाल को लेकर एक मॉडल विकसित किया है, जिसमे सात गमलों में सात प्रकार की सब्जियों का उत्पादन किया जा सकता है और रोजाना वेरायटी बदलकर ताजी हरी सब्जी उपयोग में लाई जा सकती है। कृषि वैज्ञानिकों की अपील पर जिले के शहरी एवं ग्रामीण लोग इस मॉडल को देखने एवं समझने कृषि विज्ञान केंद्र पंहुच रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्र उमरिया के प्रशासनिक भवन पर छत मे लगाई गई इन सब्जियों को वहां से गुजरने वाला हर व्यक्ति एक बार नजर अवश्य डालता है। धीरे धीरे कृषि वैज्ञानिकों द्वारा छत पर बागवानी अभियान के तहत सात दिन सात क्यारी मॉडल को देखने पंहुच रहे हैं।

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उमरिया निवासी दिलीप का कहना है कि बाजार में मिलने वाली रासायनिक खादों से उत्पादित हानिकारक सब्जियों के दुष्प्रभाव से लोगों को बचाने एवं विटामिन युक्त ताजी सब्जी की रोजाना घर मे उपलब्धता के उद्देश्य से कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने यह मॉडल विकसित किया है । इस माडल से कम जगह एवं कम लागत से जैविक खाद का प्रयोग कर उगाई जाने वाली इन सब्जियों में कई तरह के विटामिन, आयरन, प्रोटीन और शरीर के लिए आवश्यक तत्व मौजूद होतें है जो कई बीमारियों से निपटने में सक्षम होतें है। इन सब्जियो के उपयोग से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ने के साथ ही बीमारियों से बचाव किया जा सकेगा।

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डॉ विनीता सिंह (कृषि वैज्ञानिक) कृषि विज्ञान केंद्र उमरिया के वैज्ञानिकों ने मिलकर कार्यालय के छत में विकसित किये गए इस मॉडल में पालक, मेथी, हरी धनिया, टमाटर, लाल भाजी, बैगन के साथ कम जगह में ही मशरूम उत्पादन की लघु इकाई भी स्थापित की गई है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक कम जगह कम लागत एवं जैविक खाद के इस्तेमाल से लोग पौष्टिक हरि सब्जी का उत्पादन कर रासायनिक सब्जियों के हानिकारक प्रभाव से बचा जा सकता है।

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