राजनांदगांव में क्या है माओवादियों का मिशन, डंप में मिले थे भारी मात्रा में नक्सली सामान.. देखिए ये रिपोर्ट | What is the Maoist's mission in Rajnandgaon

राजनांदगांव में क्या है माओवादियों का मिशन, डंप में मिले थे भारी मात्रा में नक्सली सामान.. देखिए ये रिपोर्ट

राजनांदगांव में क्या है माओवादियों का मिशन, डंप में मिले थे भारी मात्रा में नक्सली सामान.. देखिए ये रिपोर्ट

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:32 PM IST, Published Date : March 2, 2019/10:39 am IST

राजनांदगांव। बस्तर संभाग में नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन के बाद माओवादी राजनांदगांव में अपनी पैठ जमाने की कोशिश में है। इसका सबूत हाल में पुलिस ने यहां नक्सली डंप में सैकड़ों की संख्या में नए बेल्ट, जूते, वर्दी और दवाइयां बरामद की है। इसे देखकर यही प्रतीत होता है कि नक्सली यहां नए सदस्य बना रही है, या भर्ती करने वाली है।

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राजनंदगांव जिला मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र की सीमा से सटा है। नक्सली इस क्षेत्र में अपना असला छुपाने सीमावर्ती इलाकों के गांव के समीप कई डंप किए हुए हैं। इसके साथ ही नक्सली कमजोर होते संगठन को बढ़ाने नई भर्ती की तलाश में भी जुटे हुए हैं। हाल ही में राजनांदगांव पुलिस को नक्सलियों के मिले डंप में सबसे अधिक नक्सलियों के बेल्ट मिले हैं। नक्सलियों के सामान को देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि नक्सली बड़े पैमाने पर सदस्यों को बढ़ाने का काम कर रहे हैं। सुरक्षा बलों के द्वारा छत्तीसगढ़ के बस्तर और राजनांदगांव जिले के मानपुर क्षेत्र में पुलिस नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही रही है, यही वजह है कि अब नक्सली छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के त्रिकोणी सीमा पर सक्रीय होने की कवायद में जुटे हुए हैं।

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पुलिस की बढ़ती सक्रियता के चलते कुछ वर्षों से नक्सली नई भर्ती नहीं कर पाए हैं। नक्सलियों के एरिया कमेटी, एलओएस और विभिन्न संगठन भी सीमटते जा रहे हैं। इसके अलावा बीते 4 वर्षों में सैकड़ों नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया है और मुख्यधारा की राह अपनाई है। अब नक्सली संगठन के सामने सबसे बड़ी चुनौती संगठन के विस्तार को लेकर है। बीते लगभग 5 वर्षों में राजनंदगांव जिले से नक्सली संगठन में एक भी युवा की भर्ती नहीं होने के चलते नक्सली संगठन कमजोर होता दिखाई दे रहा है।

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नक्सली डम से मिले सामान में वर्दी सहित 100 से अधिक संख्या में नक्सलियों के नए बेल्ट, जूते मिलने से साबित होता है कि यहां ज्यादा नक्सलियों को बुलाने की तैयारी है। तीन राज्यों की सीमा में अपने नए कॉरीडोर को बनाते नक्सली सुरक्षाबलों की संयुक्त अभियान से अक्सर मात खाते हैं, लेकिन मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र पुलिस के द्वारा संयुक्त अभियान कम ही चलाया जाता है। यही वजह है कि नक्सली क्षेत्र में अपनी पैठ जमाने में लगे हुए हैं।

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पुलिस को बरामद हुए नक्सलियों के सामान में रसद, दवाइयां, वर्दी, नए बेल्ट, नये बिट्टू बैग, नये जूते सहित नक्सलियों के दैनिक उपयोगी सामानों की संख्या को देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सैकड़ों की संख्या में नक्सली इस क्षेत्र में किसी अभियान को अंजाम देने पहुंचने वाले हैं। जिसकी तैयारी को लेकर पूर्व में नक्सलियों के द्वारा जमीन के नीचे इस तरह के डम को गाड़ कर रखा गया है। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा पुलिस के मोर्चों की कमी है। क्षेत्र में नक्सलियों की बढ़ती सक्रियता को देखते हुए पुलिस ने 1 वर्ष के भीतर इस इलाके में 2 बेस कैंप खोलें हैं। पुलिस अब इस इलाके में नक्सलियों के द्वारा रखे डंप की तलाश में है। ताकि नक्सलियों के नापाक मंसूबों को वक्त से पहले ही नेस्तनाबूद किया जा सके।