Chaitra Navratri 2024 Ghatsthapana Muhurt

Chaitra Navratri 2024 Ghatsthapana Muhurt : कल से शुरू हो रही चैत्र नवरात्रि, 30 साल बाद बन रहा महासंयोग, इस शुभ मुहूर्त में करें घटस्थापना

Chaitra Navratri 2024 Ghatsthapana Muhurt: मंगलवार को घटनास्थापना होगी। क्या आपको पता है घटस्थापना का शुभ मुहूर्त क्या है? चलिए जानते हैं..

Edited By :   Modified Date:  April 8, 2024 / 04:44 PM IST, Published Date : April 8, 2024/4:44 pm IST

Chaitra Navratri 2024 Ghatsthapana Muhurt ; हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण पर्व नवरात्र माना गया है। यह पर्व मां दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है। बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक यह त्योहार पूरे देश में भव्यता और उत्साह के साथ मनाया जाता है। चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व 9 अप्रैल से शुरू हो रहा है। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना के साथ नवरात्रि की पूजा शुरू होती है और इसके बाद नौ दिनों तक देवी के नौ रूपों को पूजा जाता है। मंगलवार को घटनास्थापना होगी। क्या आपको पता है घटस्थापना का शुभ मुहूर्त क्या है? चलिए जानते हैं..

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घटस्थापना का शुभ मुहूर्त

चैत्र कृष्ण प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना के बाद ही नवरात्रि के व्रत प्रारंभ होते हैं। कलश एवं घटस्थापना करके ही हम मां दुर्गा को पूजा के लिए आमंत्रित करते हैं। इस दिन सुबह 06.02 से सुबह 10.16 तक घटस्थापना मुहूर्त है। 9 अप्रैल को अभिजीत मुहूर्त 12 बजकर 14 मिनट से दोपहर 1 बजकर 05 मिनट तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में आप कलश एवं कलश स्थापना कर सकते है। ऐसे में घटस्थापना, पूजा का संकल्प लेना और मंत्रों का जाप करना शुभ फलदायी रहेगा।

1. पहला शुभ मुहूर्त- 9 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 11 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।

2. अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा।

घटस्थापना की सामग्री

चैत्र नवरात्रि पर घटस्थापना के लिए कुछ आवश्यक सामग्री चाहिए. इसमें चौड़े लकड़ी की चौकी, मुंह वाला मिट्टी का एक बर्तन, पवित्र स्थान की मिट्टी, 7 प्रकार के अनाज, कलश, गंगाजल, कलावा या मौली, सुपारी, आम या अशोक के पत्ते, अक्षत (साबुत चावल), जटा वाला नारियल, लाल कपड़ा, पुष्प और पुष्पमाला।

घटस्थापना विधि

पहले मिट्टी को चौड़े मुंह वाले बर्तन में रखें और उसमें सप्तधान्य बोएं. फिर उसके ऊपर कलश में जल भरें और उसके ऊपरी भाग (गर्दन) में कलावा बांधें। इसके बाद आम या अशोक के पल्लव को कलश के ऊपर रखें। अब नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कलश के ऊपर और पल्लव के बीच में रखें। इस नारियल में कलावा भी लपेटा होना चाहिए। घटस्थापना पूर्ण होने के बाद देवी का आह्वान करते हैं। आप चाहें तो अपनी इच्छानुसार और भी विधिवत पूजा कर सकते हैं।

 

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