कड़ी मेहनत, जुनून और दक्षता के कारण छेत्री अन्य खिलाड़ियों से अलग : भूटिया |

कड़ी मेहनत, जुनून और दक्षता के कारण छेत्री अन्य खिलाड़ियों से अलग : भूटिया

कड़ी मेहनत, जुनून और दक्षता के कारण छेत्री अन्य खिलाड़ियों से अलग : भूटिया

:   Modified Date:  May 16, 2024 / 06:47 PM IST, Published Date : May 16, 2024/6:47 pm IST

नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया को लगता है कि संन्यास लेने वाले भारतीय फुटबॉल कप्तान सुनील छेत्री अपनी कड़ी मेहनत, जुनून और पेशेवर रवैये से अपनी पीढ़ी के अन्य खिलाड़ियों से अलग हैं जिसकी बदौलत वह ‘आइकन’ खिलाड़ी बन गये हैं।

छेत्री (39 वर्ष) ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि वह छह जून को कोलकाता में कुवैत के खिलाफ फीफा विश्व कप क्वालीफाइंग मैच के बाद संन्यास ले लेंगे।

भूटिया ने पीटीआई से कहा, ‘‘उनकी कड़ी मेहनत, जुनून, समर्पण और सच्चा पेशेवर रवैया, उनका फोकस और हर दिन बेहतर करने का जज्बा ही उन्हें अन्य खिलाड़ियों से अलग बनाता है। जब वह युवा था तो वह हमेशा सीखने का इच्छुक रहता था और बेहतर करने के लिए जो संभव हो, वो सब करता था। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘सुनील ने भारतीय फुटबॉल को अपनी बहुत सेवायें दी हैं और उसका योगदान अपार है। उनका संन्यास लेना भारतीय फुटबॉल के लिए बहुत बड़ा नुकसान है। वह भारत के महानतम खिलाड़ियों में से एक रहेगा। ’’

छेत्री ने जब 2005 में पदार्पण किया था तो भूटिया भारतीय फुटबॉल के ‘पोस्टर ब्वॉय’ और कप्तान थे। दोनों छह साल तक साथ खेले और दोनों स्ट्राइकरों की जोड़ी शानदार थी। भूटिया के 2011 में संन्यास लेने से पहले छेत्री को टीम की कमान सौंपी गयी। इसके बाद छेत्री ने भूटिया द्वारा बनाये गये लगभग हर रिकॉर्ड को तोड़ दिया।

इस 47 साल के महान खिलाड़ी ने कहा, ‘‘बतौर स्ट्राइक जोड़ीदार हमारी आपस में अच्छी समझ थी और हमने इसका लुत्फ उठाया। मेरे लिए सम्मान की बात है कि मैं उसके साथ खेला। ’’

भूटिया ने कहा, ‘‘ जब मैं आया था तो आई एम विजयन मेरे सीनियर थे और जब मैं संन्यास लेने वाला था तो सुनील आया। मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि भारतीय फुटबॉल की अगुआई करने वाले दो दिग्गजों के बीच के समय में खेला। ’’

भाषा नमिता सुधीर

सुधीर

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)