क्या बीसीसीआई के चिकित्सा अधिकारी ने श्रीलंका में कृणाल की कोरोना जांच में देरी की? |

क्या बीसीसीआई के चिकित्सा अधिकारी ने श्रीलंका में कृणाल की कोरोना जांच में देरी की?

क्या बीसीसीआई के चिकित्सा अधिकारी ने श्रीलंका में कृणाल की कोरोना जांच में देरी की?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:00 PM IST, Published Date : August 13, 2021/2:33 pm IST

(कुशान सरकार)

नयी दिल्ली, 13 अगस्त (भाषा) श्रीलंका दौरे के दौरान कृणाल पंड्या के कोविड-19 पॉजिटिव मामले में बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) के दौरे पर गये चिकित्सा अधिकारी के बारे में सवाल उठाये जा रहे हैं जिन्होंने आरटी-पीसीआर परीक्षण में एक दिन का विलंब किया जिससे आठ खिलाड़ी दो टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में नहीं खेल पाये।

अब पता चला है कि कृणाल ने गले में दर्द के लक्षण महसूस होने के बाद तुरंत टीम के साथ गये डॉक्टर अभिजीत साल्वी को 26 जुलाई को इसके बारे में बताया लेकिन तुरंत न तो रैपिड एंटीजन टेस्ट हुआ और न ही खिलाड़ी को पृथकवास में भेजा गया।

बल्कि गले में दर्द के बावजूद टीम के डॉक्टर ने खिलाड़ी को टीम बैठक में शिरकत करने की मंजूरी दी और 27 जुलाई की सुबह को ही उनका आरटी-पीसीआर टेस्ट किया गया। रिपोर्ट दोपहर में आयी जिसके बाद बीसीसीआई और श्रीलंका क्रिकेट ने संयुक्त रूप से मिलकर मैच को एक दिन के लिये स्थगित करने का फैसला किया क्योंकि इस खिलाड़ी के आठ करीबी खिलाड़ियों का भी परीक्षण किया गया था।

शुरू में सभी जांच में नेगेटिव आये लेकिन श्रीलंका से रवाना होने से पहले कृष्णप्पा गौतम और युजवेंद्र चहल को भी पॉजिटिव पाया गया।

शिखर धवन की अगुआई वाली भारत की सफेद गेंद की टीम ने इस दौरे पर तीन वनडे और तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले थे। टीम ने वनडे श्रृंखला 2-1 से जीती और टी20 में उसे 1-2 से हार मिली।

श्रीलंका में इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले बीसीसीआई के एक सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा, ‘‘कृणाल को 26 जुलाई को ही गले में दर्द था और उसने प्रोटोकॉल का पालन करते हुए चिकित्सा अधिकारी को सूचित किया। हैरानी की बात है कि उसका रैपिड एंटीजन टेस्ट (खुद जांच की किट) नहीं हुआ और उसे तुरंत पृथकवास में नहीं भेजा गया। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि रैपिड एंटीजन टेस्ट निर्णायक नहीं होता लेकिन यह प्रोटोकॉल का पहला हिस्सा है। लेकिन मैं पुष्टि कर सकता हूं कि कृणाल ने गले में दर्द के बावजूद टीम बैठक में शिरकत की। ’’

बीसीसीआई सूत्र ने कहा, ‘‘बल्कि एक सवाल और उठाया जा रहा है कि बीसीसीआई की श्रीलंका में चिकित्सा टीम हर पांचवें दिन जांच पर कैसे सहमत हुई जबकि इंडियन प्रीमियर लीग में जांच प्रत्येक तीसरे दिन करायी गयी। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जय शाह की वजह से श्रृंखला के रद्द होने का संकट हट गया जिन्होंने हस्तक्षेप किया और सभी करीबी संपर्कों को पृथकवास में भेज गया। उनके इस कदम ने श्रृंखला को बचा लिया और श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड की मदद की। लेकिन अगर चिकित्सा टीम अति सतर्क रहती हो इस स्थिति से बचा जा सकता था। ’’

पीटीआई ने साल्वी से संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। ’’

टी20 श्रृंखला में भारत को हार इसलिये मिली क्योंकि भारत के पास केवल चार ही विशेषज्ञ बल्लेबाज थे क्योंकि कृणाल के करीबी आठ संपर्कों को अनिवार्य पृथकवास में रखा गया था।

भाषा नमिता आनन्द

आनन्द

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)