पहले से अधिक धैर्य ने किया सैमसन का पलड़ा भारी |

पहले से अधिक धैर्य ने किया सैमसन का पलड़ा भारी

पहले से अधिक धैर्य ने किया सैमसन का पलड़ा भारी

:   Modified Date:  April 30, 2024 / 08:12 PM IST, Published Date : April 30, 2024/8:12 pm IST

बेंगलुरू, 30 अप्रैल (भाषा) संजू सैमसन और उनके प्रशंसकों ने उस समय राहत की सांस ली होगी जब उन्हें अमेरिका और वेस्टइंडीज में होने वाले टी20 विश्व कप के लिए भारत की 15 सदस्यीय टीम में शामिल किया गया।

सैमसन ने इंडियन प्रीमियर लीग के मौजूदा सत्र में अब तक नौ मैच में 161.08 के स्ट्राइक रेट से 385 रन बनाकर मजबूत दावेदारी पेश की।

इसकी तुलना में ऋषभ पंत के बाद दूसरे विकेटकीपर बल्लेबाज के स्थान के लिए उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी लोकेश राहुल ने नौ मैच में 144.27 स्ट्राइक रेट से 378 रन बनाए हैं।

स्ट्राइक रेट के मामले में दोनों बल्लेबाजों में अधिक अंतर नहीं है लेकिन सैमसन के मामले में ये आंकड़े राजस्थान रॉयल्स की टीम पर उनके प्रभाव का सबूत हैं।

अतीत में सैमसन के खिलाफ सबसे जोरदार तर्क यह होता था कि टूर्नामेंट आगे बढ़ने के साथ उनके प्रदर्शन में गिरावट आती है।

आईपीएल 2023 इसका एक उदाहरण था क्योंकि शुरुआत में कुछ धमाकेदार अर्धशतक के बाद यह 29 वर्षीय खिलाड़ी कोई बड़ी पारी नहीं खेल पाया।

सैमसन ने हालांकि नियमित तौर पर उनकी अनदेखी की शिकायत नहीं की और खुद को बेहतर करने पर ध्यान लगाया।

वह अब बल्लेबाज के रूप में मजबूत हुए हैं। रॉयल्स का लखनऊ सुपर जाइंट्स के खिलाफ उसके मैदान पर 197 रन के लक्ष्य का पीछा करना उनके जज्बे का उदाहरण है।

सक्षम गेंदबाजों के सामने लखनऊ में 197 रन का पीछा करना आसान काम नहीं था और रॉयल्स ने पारी की शुरुआत में ही जोस बटलर का विकेट भी गंवा दिया था।

नौवें ओवर में रॉयल्स का स्कोर तीन विकेट पर 78 रन था और सैमसन (नाबाद 71, 33 गेंद, सात चौके, चार छक्के) और ध्रुव जुरेल (नाबाद 52, 34 गेंद) ने टीम को एक ओवर शेष रहते सात विकेट से जीत दिला दी।

पुराना सैमसन गेंदबाज पर हावी होने के प्रयास में खराब शॉट खेलकर इस मौके को गंवा सकता था लेकिन अब दाएं हाथ के इस बल्लेबाज में इतना धैर्य है कि वह मौके का इंतजार करता है और इतना आश्वस्त था कि टीम को लक्ष्य तक ले गया।

कौशल और धैर्य के विलय ने उन्हें पहले की तुलना में कहीं अधिक वांछित खिलाड़ी बना दिया है।

इसके साथ ही बड़े शॉट खेलने की क्षमता और लचीलापन उनकी अहमियत बढ़ाते हैं। वह पहले से पांचवें नंबर पर तक बल्लेबाजी करने में सहज हैं जो राहुल नहीं कर सकते।

राहुल धीमी गति से शुरुआत करने वाले खिलाड़ी हैं जो बाद में तेजी से रन बनाने में सक्षम हैं लेकिन सैमसन पहली गेंद से ही आक्रामक होकर खेल सकते हैं।

आईपीएल के 2020 सत्र के बाद से कोई भी बल्लेबाज सैमसन (110) जितने छक्के नहीं लगा सका है और बटलर, आंद्रे रसेल, ग्लेन मैक्सवेल, रिंकू सिंह, जॉनी बेयरस्टो जैसे खिलाड़ियों की मौजूदगी वाली लीग में यह बड़ा कारनामा है।

भाषा सुधीर मोना

मोना

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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