अमन सहरावत ने पूछा, एक और ट्रायल की चिंता करूं या ओलंपिक की तैयारी शुरू करूं |

अमन सहरावत ने पूछा, एक और ट्रायल की चिंता करूं या ओलंपिक की तैयारी शुरू करूं

अमन सहरावत ने पूछा, एक और ट्रायल की चिंता करूं या ओलंपिक की तैयारी शुरू करूं

:   Modified Date:  May 15, 2024 / 04:06 PM IST, Published Date : May 15, 2024/4:06 pm IST

(अमनप्रीत सिंह)

नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले एकमात्र भारतीय पुरुष पहलवान अमन सहरावत इस बात से नाखुश हैं कि खेलों की तैयारी पर अपना ध्यान लगाने की जगह उन्हें अब भी एक और ट्रायल के लिए वजन घटाने के बारे में चिंता करनी होगी।

अंडर-23 विश्व चैंपियन 20 साल के अमन ने हाल में इस्तांबुल में विश्व क्वालीफायर के जरिए पुरुष फ्रीस्टाइल 57 किग्रा वर्ग में पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया। भारत के पुरुष पहलवानों ने 11 और वजन वर्ग में चुनौती पेश की लेकिन उनमें से कोई क्वालीफाई नहीं कर पाया।

अमन ने पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘इतनी बार मुझे अपना वजन कम करना पडा है। मुझे कितनी बार ऐसा करना होगा? इससे काफी कमजोरी आती है। मुझे समझ नहीं आता कि मैं अब दोबारा ट्रायल जीतने के बारे में सोचूं या ओलंपिक की तैयारी शुरू करूं। मुझे लगता है कि अगर मुझे दोबारा ट्रायल से गुजरने को कहा जाता है तो अच्छी तैयारी के लिए जो काम करने की जरूरत होगी वह प्रभावित होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ट्रायल के खत्म होने तक ओलंपिक बेहद करीब होगा तो फिर हम तैयारी कब शुरू करेंगे? मेरे नजरिए से ट्रायल नहीं होने चाहिए।’’

एशियाई खेलों के कांस्य पदक विजेता और एशियाई चैंपियनशिप के विजेता अमन को विश्वास है कि वह खेलों में पदक के दावेदार होंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं खुद को दुनिया में शीर्ष तीन में देखता हूं। रूस और अल्बानिया के पहलवान मजबूत हैं और उनके साथ करीबी मुकाबला होगा, अन्य को मैं संभाल सकता हूं।’’

अमन 2023 विश्व चैंपियनशिप में अल्बानिया के जेलिमखान अबाकारोव से हार गए थे जहां सर्बिया के स्टीवन एंड्रिया मिसीसी चैंपियन बने थे। रूस के दो बार के विश्व चैंपियन जावुर उगुएव भी मजबूत प्रतिद्वंद्वी हैं जिन्होंने तोक्यो खेलों के स्वर्ण पदक मुकाबले में रवि दहिया को हराया था।

जब भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ट्रायल आयोजित करेगा तो संभवत: अमन को रवि को हराना होगा।

रवि और सोनीपत में आयोजित अंतिम ट्रायल में पुरुषों के 57 किग्रा वर्ग के शीर्ष तीन पहलवानों को एक-दूसरे के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करनी होगी और उसका विजेता कोटा हासिल करने वाले अमन के साथ मुकाबला करेगा।

दस साल की उम्र में छत्रसाल स्टेडियम से जुड़ने वाले अमन ने कहा, ‘‘अगर ये ट्रायल नहीं होते तो मैं ट्रेनिंग के लिए रूस जा चुका होता। यह बेहतर होगा कि मैं रूस में अच्छे पहलवानों के साथ ट्रेनिंग करूं। मुझे लगता है कि मैंने भारत में पर्याप्त ट्रेनिंग की है और अब समय है कि मैं अपने प्रतिद्वंद्वियों के साथ ट्रेनिंग करूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इससे मेरी ओलंपिक की तैयारी अच्छी होगी। मुझे अपने प्रतिद्वंद्वियों की अच्छी समझ होगी।’’

अमन का कहना है कि सिर्फ वजन घटाना ही समस्या नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘उबरना भी काफी महत्वपूर्ण होता है। अगर दोबारा ट्रायल हुए तो ट्रायल, वजन घटाना और उबरने की प्रक्रिया में ओलंपिक से पहले काफी समय खराब हो जाएगा।’’

भाषा सुधीर मोना

मोना

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)