बालको ने लॉन्च किया ऑनलाइन ‘शिक्षा मित्र’ एप, इस नवाचार से जरूरतमंद छात्र-छात्राओं को कोचिंग जारी रखने में मिलेगी मदद | Balco launches 'Shiksha Mitra' online app, this innovation will help to continue coaching the needy students

बालको ने लॉन्च किया ऑनलाइन ‘शिक्षा मित्र’ एप, इस नवाचार से जरूरतमंद छात्र-छात्राओं को कोचिंग जारी रखने में मिलेगी मदद

बालको ने लॉन्च किया ऑनलाइन ‘शिक्षा मित्र’ एप, इस नवाचार से जरूरतमंद छात्र-छात्राओं को कोचिंग जारी रखने में मिलेगी मदद

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:04 PM IST, Published Date : September 6, 2020/3:35 pm IST

कोरबा। शिक्षक दिवस के अवसर पर भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने ऑनलाइन एप ‘शिक्षा मित्र’ लॉन्च किया। बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक अभिजीत पति ने एप का विमोचन किया। ऑनलाइन एप ‘शिक्षामित्र’ की मदद से ऑनलाइन कंटेंट उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं को अपनी कोचिंग जारी रखने में मदद मिलेगी। स्वयंसेवी शिक्षकों की मदद से विभिन्न विषयों के कंटेट ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के लिए तैयार किए जा रहे हैं। बालको की ओर से तैयार ये कंटेट सोशल मीडिया एप्लिकेशन में लंबे समय तक बने रहेेंगे। इसका फायदा यह होगा कि विद्यार्थी अपनी सुविधा से सोशल मीडिया पर कभी भी कंटेट डाउनलोड करके पढ़ सकेंगे।

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सीईओ अभिजीत पति ने बालको की ओर से शिक्षा के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की शुरूआत को ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस नवाचार से बड़ी संख्या में जरूरतमंद छात्र-छात्राओं को लाभ होगा। श्री पति ने कहा कि शिक्षा देने से बेहतर और कुछ नहीं हो सकता। बालको के अधिकारी-कर्मचारी स्वयंसेवी शिक्षकों के तौर पर जरूरतमंद छात्र-छात्राओं को शिक्षित करने का उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। ऐसा अभियान आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में उपलब्ध संसाधनों के अधिकतम उपयोग को प्रोत्साहित करता है। श्री पति ने ऑनलाइन शिक्षा प्लेटफॉर्म के जरिए इन्टरेक्टिव कार्यक्रम बनाने पर जोर देते हुए कहा कि हम अपने अध्ययन को एप आधारित बनाएं। ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार करें जिससे विद्यार्थियों का ऑनलाइन मूल्यांकन संभव हो। छात्र-छात्राओं को इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी में मदद मिले।

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बालको सी.ई.ओ. ने छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे इस प्लेटफॉर्म का अधिकतम उपयोग करें। इन्हीं विद्यार्थियों में से भविष्य के डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, शिक्षक और विभिन्न क्षेत्रों के नेतृत्वकर्ता तैयार होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि बालको प्रबंधन शिक्षा प्रोत्साहन के इस अभियान के लिए हरसंभव संसाधन मुहैया कराएगा। श्री पति ने स्वयंसेवी शिक्षकों और परियोजना से जुड़े स्वयंसेवी संगठन ‘सार्थक’ को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हम इस अभियान को इस तरह से विकसित करें जिससे यह देश के प्रत्येक जरूरतमंद विद्यार्थी तक पहुंच जाए। इस दौरान बालको के मुख्य प्रचालन अधिकारी (धातु) एवं परियोजना कनेक्ट के मेंटर दीपक प्रसाद ने गुरु को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि शिक्षक ही हमें जीवन में आगे बढ़ना सिखाते हैं। उन्होंने बताया कि परियोजना कनेक्ट के जरिए अब तक इंजीनियरिंग में छह विद्यार्थियों का चयन हुआ है जो परियोजना की उत्कृष्टता का द्योतक है।

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परियोजना कनेक्ट की क्रियान्वयन एजेंसी स्वयंसेवी संगठन ‘सार्थक’ के समन्वयक मेहुल कुमार ने बालको के उत्कृष्ट पहल की प्रशंसा की। उन्होंने विश्वास जताया कि सभी के सामूहिक प्रयासों से छात्र-छात्राओं की शिक्षा कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण समय में निर्बाध जारी रहेगी। मेहुल कुमार और बालको के अनेक स्वयंसेवी शिक्षकों ने परियोजना के उत्कृष्ट क्रियान्वयन के लिए बालको के प्रति आभार जताया। वर्चुअल समारोह में बड़ी संख्या में बालको अधिकारियों, स्वयंसेवी शिक्षकों और छात्र-छात्राओं ने भागीदारी की।

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बालको के सामुदायिक विकास कार्यक्रम के अंतर्गत शैक्षणिक उत्थान की दिशा में अनेक परियोजनाएं संचालित हैं। ऐसी ही एक परियोजना का नाम है- ‘परियोजना कनेक्ट’। परियोजना के अंतर्गत वेदांता स्टडी सेंटर संचालित है। यह परियोजना ऐसे विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है जो महंगी कोचिंग या ट्यूशन नहीं ले सकते। वेदांत स्टडी सेंटर में अंग्रेजी, विज्ञान, भौतिकी, रसायनशास्त्र और गणित की विशेष कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। ‘परियोजना कनेक्ट’ की सफलता को इस बात से आंका जा सकता है कि इसके माध्यम से अनेक जरूरतमंद विद्यार्थियों का चयन इंजीनियरिंग के लिए हुआ है। इसके साथ ही बोर्ड परीक्षाओं में विद्यार्थियों के प्रदर्शन में निरंतर सुधार हो रहा है। वर्तमान में 50 स्वयंसेवी शिक्षकों द्वारा शिक्षा दी जा रही है वहीं 400 छात्र-छात्राओं को लाभ मिल रहा है। कोविड-19 की चुनौतियों को देखते हुए सभी कक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। ‘शिक्षा मित्र’ एप के जरिए छात्र-छात्राओं को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पढ़ाई जारी रखने में मदद मिलेगी।