mp civic elections: MP में औवेसी की एंट्री, बीजेपी खुश तो कांग्रेस सहमी !!!

MP में औवेसी की एंट्री, बीजेपी खुश तो कांग्रेस सहमी !!!

MP में औवेसी की एंट्री जबलपुर और भोपाल में अपनी पार्टी के प्रत्शियों के चुनाव प्रचार के लिए मध्यप्रदेश के दौरे पर आ रहे है।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:26 PM IST, Published Date : June 26, 2022/5:28 pm IST

mp civic elections: भोपाल। मध्यप्रदेश के निकाय चुनाव में औवेसी की धमाके दार एंट्री होने जा रही है। औवेसी जबलपुर और भोपाल में अपनी पार्टी के प्रत्शियों के चुनाव प्रचार के लिए मध्यप्रदेश के दौरे पर आ रहे है। 27 को जबलपुर और 28 को भोपाल में औवेसी अपनी ताकत दिखाएंगे। दरअसल, औवेसी की पार्टी एआईएमआईएम ने पूरे प्रदेश के अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाकों में सर्वे करवाया था और उसी सर्वे रिपोर्ट के आधार पर  औवेसी ने प्रत्याशी खड़े किए है। भोपाल, जबलपुर, इंदौर, बुरहानपुर, खंडवा जैसे बड़े शहरी क्षेत्रों में औवेसी पहली दफा किस्मत आजमाने जा रहे है।

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बीजेपी ने ली राहत की सांस

mp civic elections: माना जा रहा है कि औवेसी 2023 विधानसभा चुनाव पहले अपनी सियासी जमीन तलाशने की कोशिश में है। अगर नगरिय निकाय चुनाव में औवेसी की पार्टी को माइलेज मिलता है तो यह तय है कि एआइएमआइएम 2023 के विधानसभा चुनाव में भी दम दिखाएगी। ये बी तय है कि औवेसी कांग्रेस पार्टी के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं। भले कांग्रेस ये दावा करे कि औवेसी की पार्टी जेपी की बी टीम है लेकिन, कांग्रेस को ये डर जरूर सताने लगा है कि पार्टी के कोर वोट बैंक यानि माइनॉरिटी वोट का बड़ा हिस्सा ओवैसी ले जाएंगे। उधर बीजेपी ओवैसी की एंट्री से राहत की सांस ले रही है। और ये दावा भी कर रही है कि औवेसी के आने से बीजेपी की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

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क्यों जरूरी है मायनॉरिटी वोट, समझइए गणित

mp civic elections: भोपाल में 85 में से 30 वार्ड ऐसे है जहां अल्पसंख्यकों का दबदबा है। लिहाजा भोपाल नगर निगम से बीजेपी ने 5, कांग्रेस ने 19 और आम आदमी पार्टी ने 18 अल्पसंख्यकों को मैदान में उतारा है। इससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि हर पार्टी के लिए मायनॉरिटी वोट कितना जरूरी है। आम आदमी पार्टी ने तो अपने महापौर का कैंडिडेट भी अल्पसंख्यक वर्ग की रईसा मलिक को उम्मीदवार बनाया है।

 
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